कराची: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कोरोना वायरस के कारण बंद हुए एक मजार पर रात के दौरान श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों के बीच हुए संघर्ष में करीब 50 लोग जख्मी हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बवाल में घायल हुए लोगों में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग प्रसिद्ध सूफी संत लाल शाहबाज कलंदर के 769वें उर्स पर इकट्ठा हुए थे जबकि सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक लगाने के लिए धर्म स्थलों को बंद करने की घोषणा की हुई है। इस घटना के बाद शुक्रवार सुबह से वहां अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है।
‘सरकारी आदेश का उल्लंघन कर जुटे थे’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंध प्रांत की सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के प्रसार पर रोक लगाने के लिए सभी धर्म स्थलों को बंद करने की घोषणा की है, जिसके बाद शेहवान के लाल शहबाज कलंदर में बृहस्पतिवार की रात को यह घटना हुई। बताया जा रहा है कि वार्षिक उर्स के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु सरकारी आदेश का उल्लंघन कर शेहवान में जुटे थे और उन्होंने मजार के अंदर घुसने की कोशिश की। मजार के एक अधिकारी ने बताया कि प्रसिद्ध सूफी संत लाल शाहबाज कलंदर के 769वें उर्स पर ये सभी श्रद्धालु इकट्ठा हुए थे।
‘40 श्रद्धालु और 7 पुलिसकर्मी जख्मी’
अधिकारी ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालुओं को वहां से हटाने की कोशिश की, जिसमें करीब 40 श्रद्धालु और 7 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। उन्होंने बताया कि सभी घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जामसोरो के उपायुक्त कैप्टन (रिटायर्ड) फरीदुद्दीन मुस्तफा ने कहा, ‘अधिकतर श्रद्धालु सिंध के बाहर से आए थे और वे शेहवान के आसपास ठहरे हुए थे। शायद इन सभी को सरकार के आदेश की जानकारी नहीं थी।’ मुस्तफा ने बताया कि संघर्ष के बाद शुक्रवार को अर्द्धसैनिक रेंजरों को लाल शहबाज कलंदर के मजार के आसपास तैनात किया गया है। (भाषा)
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