येरूशलम: पूर्वी येरूशलम में एक फलस्तीनी परिवार को उनके घर से निकाले जाने के बाद हुए प्रदर्शनों के दौरान झड़पें हुईं। शेख जर्रा जिले में मौजूद एएफपी के संवाददाताओं ने बताया कि शमास्नेह परिवार को निकाले जाने के विरोध में शुक्रवार को करीब 150 फलस्तीनियों और वामपंथी इस्राइली कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए और इस दौरान पुलिस, प्रदर्शनकारियों और इस्राइली लोगों के बीच झड़पें शुरू हो गई। इस घर को अब यहूदियों को दे दिया जाएगा, जो उस प्रॉपर्टी पर इस्राइली कानून के मुताबिक मालिकाना हक रखते हैं।
इस्राइलियों ने प्रदर्शनकारियों पर गैस का छिड़काव किया जिसके बाद पुलिस ने एक किशोर समेत कम से कम 4 लोगों को हिरासत में लिया है। 84 वर्षीय बुजुर्ग अयूब समेत शमास्नेह परिवार को मंगलवार जबरन उनके घर से निकाल दिया गया, जहां वह 50 वर्षों से अधिक समय से रह रहे थे। एक अदालत ने यह फैसला दिया था कि इस्राइली यहूदी ही यहां के वैध निवासी हैं। इसके बाद इस परिवार को जबरन उनके घर से निकाल दिया गया।
गौरतलब है कि इस्राइली कानून के मुताबिक, यदि कोई यहूदी यह साबित करने में कामयाब होता है कि उसका परिवार 1948 की जंग से पहले पूर्वी येरूशलम में रहता था तो वह अपनी संपत्ति को दोबारा हासिल कर सकता है। उस जंग के दौरान हजारों यहूदियों को येरूशलम छोड़कर भागना पड़ा था। हालांकि उसी युद्ध के दौरान कई फिलिस्तीनी भी अपना घर छोड़कर पलायन कर गए थे, बाद में वह हिस्सा इस्राइल के नाम से जाना जाने लगा। उस युद्ध के दौरान घर छोड़कर गए फिलिस्तीनियों के लिए अपनी संपत्ति वापस पाने का कोई कानून नहीं है।
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