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संघर्ष विराम के बाद राहत, नागोर्नो काराबाख लौट रहे हैं आर्मेनिया के नागरिक

आर्मेनिया और आजरबैजान के बीच लंबे समय तक चले युद्ध के बाद हुए संघर्ष विराम के मद्देनजर अब बड़ी संख्या में जातीय आर्मेनियाई अपने वतन लौट रहे हैं

citizens returning to nagorno karabakh - India TV Hindi Image Source : AP citizens returning to nagorno karabakh 

स्तेपनाकर्त। आर्मेनिया और आजरबैजान के बीच लंबे समय तक चले युद्ध के बाद हुए संघर्ष विराम के मद्देनजर अब बड़ी संख्या में जातीय आर्मेनियाई अपने वतन लौट रहे हैं जबकि नागोर्नो काराबाख की राजधानी स्तेपनाकर्त के मुख्य चौराहे पर लोग खुशियां मनाते और एक दूसरे को लगे लगाते देखे गए। मास्को की मध्यस्थता वाला यह संघर्ष विराम आजरबैजान के पक्ष वाला माना जा रहा है और इससे आर्मेनिया के काफी लोग नाराज भी हैं लेकिन उन्होंने हिंसा के कारण घर छोड़ कर जाने वाले लोगों को लौटने की इजाजत दी है। 

लड़ाई में घायल हुए दो बेटों के पिता नोन अगस्यान ने कहा,‘‘ मुझे अच्छा लग रहा है क्योंकि मैं अपने बेटों के पास लौट रहा हूं।’’ रूस के रक्षा मंत्रालय के अनुसार संघर्ष विराम समझौते के अनुरूप वहां तैनात रूसी शांतिरक्षकों ने शनिवार से नागोर्नो काराबाख लौट रहे 1,200 से अधिक लोगों को पहुंच मुहैया कराई है। 

रूस तैनात करगा 2 हजार सैनिक

मास्को ने छह सप्ताह से अजरबैजान और आर्मेनिया के सैनिकों के बीच जारी लड़ाई खत्म कराने में मध्यस्थता की है। समझौते के तहत इलाके में करीब दो हजार रूसी शांति सैनिकों को तैनात किया जाना है। तैनाती की यह प्रक्रिया अभी जारी है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि लाचिन कॉरिडोर में उसने सात अस्थायी पर्यवेक्षण पोस्ट स्थापित की हैं। यह कॉरिडोर आर्मेनिया से अजेरी क्षेत्र के भीतर तक है। यह कदम नागोर्नो-काराबाख के आर्मेनिया के नियंत्रण वाले हिस्से तक रूसी शांति सैनिकों को सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

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