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पाकिस्तान के समंदर में मछली पकड़ने पहुंचे चीन के कई जहाज, कराची में शुरू हुआ विरोध

पाकिस्तान ने अब चीन के हवाले अपना समुद्र भी कर दिया है, और ड्रैगन के जहाज एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन में मछलियां पकड़ने के लिए पहुंच चुके हैं।

China vessels Pakistan, China Pakistan Fish, China Fish Pakistan, China Karachi Protest- India TV Hindi Image Source : AP REPRESENTATIONAL पाकिस्तान ने चीन को अपने एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन में मछलियां पकड़ने की इजाजत दे दी है।

इस्लामाबाद: चीन के कर्जे तले दबा पाकिस्तान अब उसके एहसान चुकाने के चक्कर में अपनी संप्रभुता से भी समझौता करने लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने अब चीन के हवाले अपना समुद्र भी कर दिया है, और ड्रैगन के जहाज एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन में मछलियां पकड़ने के लिए पहुंच चुके हैं। पाकिस्तान की जनता अपनी सरकार के इस फैसले से काफी नाराज है और इसी के चलते कराची में जोरदार विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। पाकिस्तान के मछुआरों को डर है कि चीन के जहाजों के आने से उनके रोजगार पर काफी बुरा असर पड़ने वाला है।

पाकिस्तानी मछुआरों के होश उड़े
चीन के जहाजों को एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन में मछली मारने की इजाजत देने से पाकिस्तान के मछुआरों के होश उड़े हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान की सरकार से इजाजत मिलने के बाद चीन के 20 ट्रालर कराची पहुंच चुके हैं। बता दें कि चीन के ये ट्रालर गहरे समुद्र में जाकर मछली पकड़ने में सक्षम हैं। ड्रैगन के इन जहाजों को सिंध और बलूचिस्तान से लगे समुद्री तट में मछलियां पकड़ने की इजाजत दी गई है। पाकिस्तानी मछुआरों का कहना है कि चीन के जहाजों के समंदर में उतरने से इलाके का समुद्री सिस्टम बिगड़ जाएगा और इसका पूरा नुकसान उन्हें झेलना होगा। उनका कहना है कि इलाके में मछलियां पहले से ही कम हो गई हैं, और चीनी जहाज इसे बहुत बुरी स्थिति में पहुंचा देंगे।

लाखों की आजीविका पर संकट
पाकिस्तानी मछुआरों की एक चिंता यह भी है कि उनके पास बेहद ही छोटी नावें हैं जिनको लेकर वे गहरे समुद्र में नहीं उतर सकते। वहीं, अपने बड़े जहाजों का फायदा उठाकर चीन के मछुआरे गहरे समुद्र से भारी मात्रा में मछलियां पकड़ सकते हैं। बता दें कि पाकिस्तान के तटीय इलाकों में रहने वाले लगभग 25 लाख लोगों की आजीविका मछलियों पर निर्भर करती है। दूसरी तरफ चीन की नजर इस समय दुनिया भर में सी फूड से भरेपूरे इलाकों पर है। दरअसल, चीन में दुनिया का एक तिहाई सी फूड खाया जाता है और चीनी अपने समुद्र के अधिकांश हिस्सों का दोहन कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें अपने प्रिय भोजन के लिए दूसरे देशों का रुख करना पड़ रहा है।

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