बीजिंग. लद्दाख में LAC पर लंबे समय से भारत और चीन के सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। दोनों देशों के बीच में तनाव जारी है। इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने सशस्त्र बलों को वास्तविक युद्ध की परिस्थितियों में प्रशिक्षण को मजबूत करने और युद्ध जीतने की अपनी क्षमता बढ़ाने का आदेश दिया। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को 2027 तक अमेरिकी सेना के बराबर क्षमता की बनाने की योजना बनाई है।
शी ने कहा कि सेना को युद्ध जीतने के स्तर वाले प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
हाल ही में उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि अगर पीएलए खुद को अन्य अग्रणी शक्तियों की बराबरी में पहुंचने के लिए एक आधुनिक युद्धक शक्ति में बदलना चाहती है तो उसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाना चाहिए। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का नेतृत्व करने और लंबे समय से राष्ट्रपति के पद पर विराजमान 67 वर्षीय शी, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के अध्यक्ष भी हैं, जो देश के 20 लाख सैनिकों की क्षमता वाली सेना का सर्वोच्च कमान है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सीएमसी की बैठक में शी ने नए दौर के लिए सेना को मजबूत करने के साथ-साथ सैन्य रणनीति पर पार्टी की सोच को लागू करने पर जोर दिया। शी के बयान ऐसे समय में आये हैं जब छह महीने से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति है। (भाषा)
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