बीजिंग: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के खिलाफ सुषमा स्वराज के तीखे हमले को एक चीनी अखबार ने अभिमानी बताया है लेकिन यह भी स्वीकार किया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद है। चीन सरकार द्वारा संचालित ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में कहा गया है, पाकिस्तान में आतंकवाद है। लेकिन आतंकवाद का समर्थन करना क्या देश की राष्ट्रीय नीति है। आतंकवाद का निर्यात करके पाकिस्तान को क्या फायदा मिल सकता है पैसा या सम्मान? (जर्मनी की इस ‘आयरन लेडी’ ने कभी दबना नहीं सीखा, चाहे सामने US ही क्यों न हो)
गौरतलब है कि सुषमा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में दोनों देशों को आजादी मिलने के बाद से भारत की उपलब्धियों की पाकिस्तान से तुलना की थी और आतंकवाद के मुद्दे पर भी पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया था। सुषमा ने पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और कहा कि जो देश विनाश, मौत और निर्दयता का विश्व में सबसे बड़ा निर्यातक है वो इस मंच से मानवता का उपदेश देकर पाखंड का चैम्पियन बन गया है। वह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के गुरूवार के संबोधन का हवाला दे रही थी जिन्होंने भारत पर मानवाधिकार के उल्लंघन और सरकार प्रायोजित आतंकवाद का आरोप लगाया था। सुषमा ने सवाल किया, आज मैं पाकिस्तान के नेताओं से कहना चाहूंगी कि क्या आपने कभी सोचा है कि भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए लेकिन आज भारत की पहचान दुनिया में आईटी की महाशक्ति क्यों हैं और पाकिस्तान की पहचान आतंकवाद का निर्यात करने वाले देश और एक आतंकवादी देश की क्यों है।
विदेश मंत्री ने कहा, हमने वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थान स्थापित किए जिन पर दुनिया को गर्व है। परंतु पाकिस्तान ने दुनिया और अपने लोगों को आतंकवाद के अलावा क्या दिया उन्होंने कहा, हमने वैज्ञानिक, विद्वान, डॉक्टर, इंजीनियर पैदा किए और आपने क्या पैदा किया आपने आतंकवादियों को पैदा किया, आपने आतंकी शिविर बनाए हैं, आपने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन और हक्कानी नेटवर्क पैदा किया है।
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