हाल ही में चीन के एक विशेषज्ञ ने कहा कि डोकलाम विवाद के कारण भारत और चीन के बीच युद्ध हो सकता है। ऐसे में जरूरत है कि दोनों देशों के राजनायिक विवाद के कारण पैदा होने वाली इस युद्ध की स्थिति को रोकें। चीन के चारहार इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता और चाइना वेस्ट नॉर्मल यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंडियन स्टडीज के निदेशक लांग शिंगचुन ने कहा कि पूर्व में अनावश्यक युद्ध के उदाहरण हैं। (ट्रंप: वो लोग भी साथ नहीं दे रहे, जो खुद मेरा हाथ पकड़कर यहां पहुंचे हैं)
वर्तमान में भारत और चीन के बीच मंडराते युद्ध से दोनों पक्षों को नुकसान होगा। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में उन्होंने लिखा कि यह कहना गलत है कि चीन इस साल होने वाले चाइना नेशनल कांग्रेस को देखते हुए डोकलाम सीमा गतिरोध का इस्तेमाल कर रहा है। लांग ने तनाव बढ़ाने के लिए चीन स्थित भारतीय मीडिया और चीन मामलों के भारतीय विशेषज्ञों को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि इनके अनुसार चीन आंतरिक समस्याओं से ध्यान बंटाने के लिए डोकलाम तनाव बढ़ाने की साजिश कर रहा है। लांग ने कहा कि चीन युद्ध के बजाय शांतिपूर्ण अंतरराष्ट्रीय माहौल चाहता है।
गौरतलब है कि सिक्किम सेक्टर की स्थिति के दीर्घकालिक रूप लेने के बीच चीनी मीडिया ने कहा था कि चीन को भारत के साथ गतिरोध के लिए तैयार हो जाने की जरूरत है। चीन के मीडिया ने साथ ही यह चेतावनी भी दी थी कि इस तरह के अन्य संघर्षों से संपूर्ण वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भीषण संघर्ष छिड़ सकता है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के छपे लेख में दावा किया गया था कि डोकलाम पठार के पास सड़क बनाने से चीनी सेना को रोकने की भारतीय कार्रवाई चीन की सम्प्रभुता का गंभीर उल्लंघन है।
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