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अरुणाचल सीमा तक बुलेट ट्रेन चलाएगा चीन, जून में होगी शुरुआत

तिब्बत में सीमावर्ती इलाकों तक बेहद कम समय में पहुंचने के लिए महत्वाकांक्षी हाई-स्पीड रेल कनेक्शन योजना चला रहा है, जिसका ज्यादातर फोक्स भारत से जुड़ी सीमा पर है। लहासा से जिस न्यिंगची (Nyingchi) शहर के लिए बुलेट ट्रेन चलाई जा रही है, उसकी दूरी अरुणाचल प्रदेश सीमा से 50 किमी से भी कम है।

Chinese bullet train to indian arunachal pradesh border अरुणाचल सीमा तक बुलेट ट्रेन चलाएगा चीन, जून - India TV Hindi Image Source : FILE अरुणाचल सीमा तक बुलेट ट्रेन चलाएगा चीन, जून में होगी शुरुआत

नई दिल्ली. लद्दाख में एलएएसी पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच बीजिंग से एक और बड़ी खबर है। चीन जून के अंत तक तिब्बत की राजधानी लहासा से भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के निकट बसे Nyingchi तक बुलेट ट्रेन शुरू कर देगा। अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स में चीनी रेलवे के एक अधिकारी के हवाले से इसकी जानकारी दी गई। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर में बताया गया कि तिब्बत में 435 किलोमीटर लंबे इस इलेक्ट्रिक हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर की शुरुआत साल 2014 में की गई थी।

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तिब्बत में सीमावर्ती इलाकों तक बेहद कम समय में पहुंचने के लिए महत्वाकांक्षी हाई-स्पीड रेल कनेक्शन योजना चला रहा है, जिसका ज्यादातर फोकस भारत से जुड़ी सीमा पर है। लहासा से जिस न्यिंगची (Nyingchi) जगह के लिए बुलेट ट्रेन चलाई जा रही है, उसकी दूरी अरुणाचल प्रदेश सीमा से 50 किमी से भी कम है। अपको बता दें कि पड़ोसी मुल्कों की जमीन पर गंदी नजर रखने वाला चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। तिब्बत के दूरदराज के इलाकों में शुमार Nyingchi में इस वक्त कई योजनाओं पर काम चल रहा है लेकिन चीन ने इस इलाके को भी तिब्बत (TAR) के अन्य इलाकों की तरह विदेशी पत्रकारों ओर डिप्लोमेट्स की पहुंच से दूर रखा गया है।

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चीन के राष्ट्रपति Xi Jinping का इस प्रोजेक्ट पर खासा ध्यान है। पिछले साल नवंबर में उन्होंने Sichuan-Tibet railway के तहत आने वाले इस Ya’an-Nyingchi railway project पर खासा जोर दिया था। लगातार शक्तिशाली होते भारत और तिब्बत में चीनी शासन के खिलाफ लगातार उठ रही आवाजों को देखते हुए चीन अपनी सेना के आवागमन को सुगम बनाने पर बहुत ज्यादा फोक्स कर रहा है।

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शनिवार को चीनी रेलवे के अधिकारी Lu Dongfu ने बताया कि Nyingchi तक चलाए जाने वाली इस ट्रेन के लिए ट्रैक 2020 के अंत तक बिछा लिया गया था। न्यूज एजेंसी Xinhua ने अपनी रिपोर्ट में Tibet Railway Construction Co. Ltd के हवाले से बताया कि इस रूट पर ट्रैक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ट्रेन 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सके।

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Lu Dongfu ने बताया कि चीन का लक्ष्य हाई स्पीड ट्रेनों के ऑपरेशन को साल 2025 तक 50 हजार किलोमीटर तक बढ़ाना है, जो 2020 के अंत तक 37 हजार 900 किलोमीटर था। उन्होंने बताया कि चीन का हाई स्पीड रेलवे नेटवर्क देश के 98 फीसदी शहरों को कवर करेगा। चीन की स्व-विकसित फॉक्सिंग ट्रेनें अब 160 किमी प्रति घंटे से 350 किमी प्रति घंटे की गति से चलती हैं। शुक्रवार को जारी किए गए 14वें फाइव ईयर प्लान के मुताबिक, चीन तिब्बत को दक्षिण एशिया से जोड़ने वाला एक "मार्ग" बनाने की भी योजना बना रहा है।

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