बीजिंग: कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए दुनिया के तमाम देशों में होड़ मची हुई। अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस और भारत समेत कई देश एक असरदार वैक्सीन की खोज में जी-जान से जुटे हुए हैं। इस बीच चीन ने एक बेहद ही चौंकाने वाले बयान में कहा है कि वह अपने यहां बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम नहीं चलाएगा, क्योंकि उनके देश में बड़ी आबादी कोरोना से सुरक्षित है। अधिकारी ने कहा कि सभी को वैक्सीन लगाने की जरूरत तभी पड़ेगी जब कोरोना वायरस का संक्रमण देश में एक बार फिर बड़े पैमाने पर फैलेगा।
कुल मिलाकर 8 टीकों पर काम कर रहा है ड्रैगन
चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के डायरेक्टर डॉक्टर गाओ फू ने कहा है कि चीन में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस वैक्सीनेशन की जरूरत तभी पड़ेगी जब देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस का संक्रमण व्यापक स्तर पर फैलेगा। बता दें कि दुनिया में फिलहाल 9 वैक्सीन फेज-3 के ट्रायल में पहुंच चुकी हैं और इनमें से 4 चीन की हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रैगन कुल मिलाकर 8 टीकों के ऊपर काम कर रहा है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ही सबसे पहले कोरोना वायरस की सबसे असरदार वैक्सीन को ईजाद कर सकता है।
दिसंबर तक आ सकती हैं कोरोना की 3 वैक्सीन
बता दें कि चीन में कई लोगों को वैक्सीन लगाए जाने की भी खबरें सामने आई हैं। यहां तक कि सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के डायरेक्टर डॉक्टर गाओ फू ने खुद कहा था कि उन्होंने भी कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाई है। ऐसे में माना जा रहा है कि चीन ने वैक्सीन को लगभग तैयार कर लिया है और वह जल्द ही कोरोना वायरस की वैक्सीन के साथ सामने आ सकता है। चीन के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि उनके यहां फेज-3 ट्रायल तक पहुंची 4 में से 3 वैक्सीन नवंबर से दिसंबर तक आ सकती है।
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