विदेशी निवेश बढ़ाने के साथ-साथ स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करेगा चीन
निजी क्षेत्रों को इनोवेशन व बिजनेस शुरू करवाने पर रहेगा खास ध्यान। पिछले कुछ सालों में चीन में कई स्टार्टअप्स ने दुनिया भर में कमाया नाम, शेयरिंग बाइक कंपनियों, मोबाइक से लेकर ओफो ने बदली लोगों की दुनिया। विदेशी पेशेवरों को आकर्षित करने की दिशा में काम करेगी सरकार।
बीजिंग: चीन की राजधानी बीजिंग में चल रहे 13 वीं एनपीसी के दूसरे पूर्णाधिवेशन में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए जन प्रतिनिधि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था की मजबूती के साथ-साथ विदेशी निवेश को आकर्षित करने पर भी विचार किया जा रहा है। जबकि नवाचार(इनोवेशन) को बढ़ावा देने के लिए भी चीन सरकार बहुत रुचि दिखा रही है।
इसके साथ ही उभरते हुए उद्योगों की मजबूती के लिए सरकार विशेष ध्यान देगी। जिसमें आर एंड डी यानी रिसर्च एंड डिवेलपमेंट पर फोकस जारी रखा जाएगा। बताया जाता है कि 2019 में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वहीं निजी क्षेत्रों को नवाचार व बिजनेस शुरू करने की दिशा में काम करने के लिए सरकार प्रोत्साहन देगी। वहीं सामाजिक व आर्थिक विकास के दायरे का विस्तार किए जाने का ऐलान किया गया है। उद्यमियों की मदद के लिए डेमो सेंटरों की स्थापना भी की जाएगी।
पेइचिंग के जन वृहद भवन में जारी एनपीसी में प्रतिनिधि इस बात पर भी चर्चा कर रहे हैं कि किस तरह नवाचार और बिजनेस स्टार्टअप्स को सहायता दी जाय। ताकि वे अपना उद्यम खोलने के लिए प्रेरित हों। गौरतलब है कि चीन में पिछले कुछ सालों से स्टार्टअप्स ने कई बड़ी और नामी कंपनियों से निवेश हासिल किया है। जिसमें शेयरिंग बाइक कंपनी मोबाइक, ओफो आदि प्रमुख हैं। इस तरह इस साल भी सरकार के सहयोग से तमाम नई कंपनियों को आगे बढ़ने और अपने व्यापार को फैलाने के मौके मिलेंगे। सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन छोटे टैक्स करदाताओं के वैट दरों में कटौती करेगा। इसके साथ ही कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए व्यवस्था बनायी जाएगी। वहीं विज्ञान व तकनीकी इनोवेशन बोर्ड का गठन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। जिससे आईपीओ रजिस्ट्रेशन सिस्टम को मजबूती मिलेगी और नवाचार व उद्यमों के लिए विशेष बांड जारी करने को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा वेंचर पूंजी निवेश में सहायता बढ़ाने पर बल दिया जाएगा।
सरकार ने कहा कि वह ट्रेनिंग व्यवस्था, रोजगार देने व सक्षम लोगों को मदद देने के लिए सुधार जारी रखेगी। इसके तहत विदेश में पढ़ाई कर रहे प्रवासी चीनी छात्रों व विदेशी पेशेवरों को चीन में काम करने के लिए आकर्षित किया जाएगा।
इसके साथ ही उभरते हुए उद्योगों की मजबूती के लिए सरकार विशेष ध्यान देगी। जिसमें आर एंड डी यानी रिसर्च एंड डिवेलपमेंट पर फोकस जारी रखा जाएगा। बिग डेटा व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की तकनीक को प्रोत्साहित करने के लिए भी वर्तमान अधिवेशन में विचार किया जा रहा है। इसमें उभरते हुए उद्योग, जिनमें अगली पीढ़ी की सूचना प्रौद्योगिकी, उच्च-तकनीकी उपकरण, बायोमेडिसिन, नई ऊर्जा वाले ऑटोमोबाइल व डिजिटिल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने के लिए मदद दी जाएगी।
इतना नहीं चीन सरकार ब्रॉडबैंड की गति बढ़ाते हुए इंटरनेट दरों में कमी जारी रखेगी। कहा गया है कि इस बाबत डेमो प्रोजेक्ट्स लांच किए जाएंगे। ताकि शहरी घरों में 1 हजार एम ब्रॉडब्रैंड की कनेक्टिविटी का दायरा बढ़ाया जा सके, और दूरस्थ शिक्षा व टेलिमेडिसिन के लिए नेटवर्क अपग्रेड हो सके। इसके अलावा मोबाइल संचार बेस स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें अपग्रेड भी किए जाने की योजना है। इसका मकसद इंटरनेट उपभोक्ताओं को विश्वसनीय व तेज ब्रॉडबैंड कनेक्शन मुहैया कराना है।
प्रधानमंत्री ली खछ्यांग द्वारा कांग्रेस के समक्ष रखी गयी रिपोर्ट कहती है कि इस साल छोटे व मझौले उपक्रमों के लिए ब्रॉडबैंड सेवा दरों में 15 फीसदी की कटौती की जाएगी। जबकि मोबाइल इंटरनेट सेवा दरों में औसतन 20 प्रतिशत की कमी किए जाने की घोषणा की गयी है। इतना नहीं मोबाइल यूजर्स को बड़ी राहत देते हुए ऐलान किया गया है कि देश भर में अगर मोबाइल फोन उपभोक्ता एक मोबाइल कंपनी से दूसरी मोबाइल कंपनी का नंबर लेना चाहें तो आसानी से हासिल कर सकेंगे। इसके लिए लोगों को अपना मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं होगी।
बीजिंग से अनिल आज़ाद पांडेय का लेख, अनिल आज़ाद पांडेय चाइना मीडिया ग्रुप में वरिष्ठ पत्रकार हैं और चीन-भारत मुद्दों पर भारतीय व अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में अकसर लिखते रहते हैं। इसके साथ ही हैलो चीन पुस्तक के लेखक भी हैं।