बीजिंग: चीन ने पूर्वी चीन सागर में अपने लड़ाकू जेट विमानों के अमेरिकी नौसैन्य विमान के निकट उड़ने का बचाव करते हुए आज कहा कि अमेरिकी विमान चीन की सीमा के करीब चला आया था और वह टोह ले रहा था जिससे बीजिंग की राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में थीं। चीन का रक्षा मंत्रालय उस खबर पर प्रतिक्रिया दे रहा था जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी नौसेना के टोही विमान ईपी-30 को उस वक्त तेजी से निकल जाना पड़ा, जब चीन का जे-10 लड़ाकू विमान उसके बेहद करीब चला आया। मंत्रालय ने कहा, अमेरिकी सेना के विमान के चीन की सीमा के निकट आने और टोह लेने की गतिविधि को अंजाम दिये जाने से चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हुआ है। (चीनी सेना का दावा, भारत ने की डोकलाम क्षेत्र में घुसपैठ)
इसने चीन-अमेरिका सैन्य हवाई एवं समुद्री सुरक्षा को नुकसान पहुंचाया और दोनों विमान के पायलटों की निजी सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा किया। उसने कहा, अमेरिकी पक्ष को ऐसी असुरक्षित, गैरपेशेवर और अमित्रवत खतरनाक सैन्य गतिविधियों को तत्काल बंद कर देना चाहिए और चीन-अमेरिका सैन्य संबंधों के विकास में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाना चाहिए।
गौरतलब है कि बीते रविवार पूर्वी चीन सागर में दो चीनी जे-10 लड़ाकू विमानों ने असुरक्षित तरीके से अमेरिकी नौसेना के एक निगरानी विमान को बाधित कर दिया। पेंटागन के प्रवक्ता कैप्टन जेफ डेविस ने कल संवाददाताओं से कहा, पूर्वी चीन सागर के ऊपर अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहे अमेरिका के नौसैन्य विमान ईपी 3 के मार्ग को दो चीनी जे 10 विमानों ने बाधित किया। इनमें से एक तेजी से इसके नीचे आया और इसके बाद उसने गति धीमी कर दी। विस ने बताया कि विमान को टक्कर से बचाने के लिए अमेरिकी विमान चालक को वहां से जाना पड़ा। उन्होंने कहा, हमने इसे बहुत निकटता से देखा। एक अन्य पेंटागन अधिकारी ने चीन के इस कदम को असुरक्षित बताया। डेविस ने कहा कि यह घटना पूर्वी चीन सागर और पीले सागर के बीच के क्षेत्र में रविवार को हुई।
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