बीजिंग: चीन 2018 में ही अपने चांग ई-4 लूनर यान के जरिए चंद्रमा पर आलू और एक फूल के पौधे के बीज और रेशम कीट के अंडाणुओं को भेजने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य चंद्रमा पर जैविक अनुसंधान करना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अनुसंधान के तहत आलू और अरबीडोफिसिस के बीजों और संभवत: रेशम के कीटों के अंडाणुओं को भेजा जाएगा। यह चंद्रमा पर पहला जैविक अनुसंधान होगा।
चीन का यह यान अपने साथ नीदरलैंड्स, स्वीडन, जर्मनी और सऊदी अरब के साइंटिफिक पेलोड्स को भी ले जाएगा। ‘लूनार मिनी बॉयोस्फेयर’ की योजना 28 चीनी विश्वविद्यालयों ने तैयार की है। इसकी अगुवाई दक्षिण पश्चिमी चीन का चांगकिंग विश्वविद्यालय कर रहा है। जिस बेलनाकार टिन में चीन फूल, आलू और अन्य चीजें भेजने वाला है वह 18 सेंटीमीटर लंबा है और उसका व्यास 16 सेंटीमीटर है। यह टीन विशेष ऐल्यूमिनियम एलॉय से बना है।
इस टिन में पानी, पोषक पदार्थ, हवा, एक छोटा सा कैमरा और डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम भी होगा। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि ये बीज चांद पर विकसित होंगे और इस प्रक्रिया को कैमरे में कैद कर धरती पर ट्रांसमिट किया जा सकेगा। आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में पौधे पहले भी उगाए गए हैं, लेकिन चांद पर ऐसा करने की यह पहली कोशिश होगी।
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