नई दिल्ली: चीन और ताइवान के बीच कोरोना वायरस संकट के दौरान विवाद बढ़ता जा रहा है। चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में ताइवान के नियंत्रण वाले दोंगशा द्वीप समूह पर कब्जा करने का युद्धाभ्यास करने का ऐलान करने के बाद तनाव और बढ़ गया है। इसके बाद ताइवान ने भी घोषणा कर दी है कि वह जून महीने में फायरिंग का अभ्यास करेगा। ताइवान ने कहा है कि इस अभ्यास के दौरान दोंगशा द्वीप समूह पर मोर्टार और मशीनगन पोजिशन की परख की जाएगी।
ताइवान ने 20, 40, 81 और 120 एमएम के मोर्टार द्वीप समूह पर तैनात किए हैं। साथ ही कोस्ट गार्ड को पैदल सेना के लिए जरूरी उपकरण भी दिए गए हैं। यही नहीं द्वीप समूह पर सैन्य प्रतिष्ठानों को उन्नत किया गया है। ताइवान सरकार ने कहा कि चीन के कब्जे के किसी भी प्रयास का जवाब देने के लिए निगरानी और खुफिया गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इन सब के बीच यूएस नेवी की वॉरशिप ताइवान पहुंच गई है। यूएस पैसेफिक फ्लीट की तरफ से फेसबुक पर बयान जारी कर कहा गया है कि उसकी वॉरशिप यूएसएस मैककैंपबेल उस संकरे रास्ते से सफर करते हुए पहुंची है जो ताइवान को चीन से अलग करता है। इसकी फोटो भी फेसबुक पर शेयर की गई हैं।
बता दें कि दोंगशा द्वीप समूह में एक द्वीप और दो कोरल रीफ हैं। इसके दो किनारे हैं। ताइवान ने इसे नैशनल पार्क घोषित कर रखा है। इससे पहले सोमवार को आई खबरों में कहा गया था कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अगस्त महीने में साउथ चाइना सी में व्यापक पैमाने पर लैंडिंग का अभ्यास करेगी। यह एक तरीके से दोंगशा द्वीप पर कब्जा करने का 'छद्म अभ्यास' होगा।
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