नई दिल्ली. चीन लंबे समय से दुनिया में अपनी दादगिरी चलाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक उसे कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी है। पिछले साल भारत ने लद्दाख में चीन के अरमानों पर पानी फेर दिया है। गलवान घाटी में चीन के 40 सैनिक भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के हाथ मिलाने के बाद चीन की परेशानियां और ज्यादा बढ़ गई है। दुनियाभर में Quad की चर्चाएं हो रही है, दुनिया के बहुत सारे मुल्क भी Quad से सहयोग चाहते हैं, इन्हीं में से एक भारत का दोस्त और पड़ोसी बांग्लादेश में भी। हालांकि Quad से पहले से ही परेशान चीन को जैसी ही इसकी भनक लगी, तो उसने बांग्लादेश को 'धमकाने' की कोशिश की है। चीन ने बांग्लादेश से साफ शब्दों में कहा है कि अगर उसने Quad के साथ किसी भी तरह की भागेदारी की तो दोनों देशों के रिश्तों में गिरवाट तय है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मीडिया से बातचीत में बांग्लादेश में चीन के राजदूत Li Jiming ने कहा कि अगर बांग्लादेश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के ग्रुप Quad से किसी भी तरह से जुड़ता है तो चीन के साथ उसके द्विपक्षीय संबंध काफी हद तक खराब हो जाएंगे। ली ने कहा कि चीन Quad गठबंधन में बांग्लादेश की भागीदारी का कोई भी रूप नहीं देखना चाहता। चीनी राजदूत ने बातों ही बातों में इस बात पर जोर दिया कि उनका देश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के ग्रुप Quad एंटी चाइना मानता है।
चीनी राजदूत ने ये भी कहा कि यह संदेश शेख हसीना की सरकार को पिछले हफ्ते चीनी डिफेंस मिनिस्टर Wei Fenghe की यात्रा के दौरान भी स्पष्ट कर दिया गया था। चीनी रक्षा मंत्री की यात्रा के दौरान आधिकारिक रीडआउट में इस चीनी दावे का उल्लेख किया गया कि दक्षिण एशिया में सैन्य गठबंधनों के खिलाफ
वी की यात्रा के दौरान आधिकारिक रीडआउट ने दक्षिण एशिया में सैन्य सहयोग के खिलाफ चीन की आपत्ति का जिक्र किया गया था और कहा गया था कि उसकी वजह से बांग्लादेश में 'अधिपत्यवाद' को बढ़ावा मिलेगा, संभवत: यह बात भारत के संदर्भ में कही गई थी। उल्लेखनीय है कि भारत ने चीन के खिलाफ पिछले एक साल से कड़ा स्टैंड अपनाया हुआ है जिस वजह से ड्रैगन बौखलाया हुआ है।
दरअसल चीन साउथ एथिया में किसी भी देश को Quad के नजदीक जाते नहीं देखना चाहता क्योंकि ये निश्चित रूप से ही इंडो-पैसिफिक और उन क्षेत्रों में चीन के प्रभाव को कम करेंगे, जिन्हें ड्रैगन अपने प्रभाव वाला इलाका मानता है। पिछले हफ्ते ही, चीन ने कोविड -19 और टीकों पर दक्षिण एशियाई देशों के साथ एक वर्चुअल राउंड-टेबल आयोजित की। अब जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन की वैक्सीन Sinopharm को अप्रूवल दे दिया है, ऐसे में भारत के पड़ोसियों को चीनी वैक्सीन खरीदने में आसानी होगी क्योंकि भारत में बनाई गई वैक्सीन अभी एक्सपोर्ट के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
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