बीजिंग: अपने पड़ोसी देश वियतनाम पर चीन बुरी तरह भड़का हुआ है। दरअसल, चीन ने गुरुवार को दक्षिण चीन सागर में अन्वेषण और निवेश के लिए भारत को आमंत्रित करने पर वियतनाम की आलोचना की। चीन ने कहा कि बीजिंग ऐसे किसी भी तैयारी का विरोध करता है, जो उसके अधिकारों का उल्लंघन करता हो। भारत में वियतनाम के राजदूत टोन सिन्ह थान्ह ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में उसके अपने आर्थिक क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में निवेश के लिए वियतनाम भारत का स्वागत करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, ‘चीन अपने पड़ोसी प्रासंगिक देशों के सामान्य द्विपक्षीय रिश्तों के विकास पर आपत्ति नहीं जाताता है लेकिन हम प्रासंगिक पार्टियों द्वारा चीन के वैध अधिकारों का उल्लंघन और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कम करने के बहाने करने का दृढ़ता से विरोध करते हैं।’ वियतनाम दक्षिण सागर पर दावा करने वालों में से एक है, जिसके 90 प्रतिशत हिस्से पर चीन का दावा है। फिलिपींस, ताइवान, मलेशिया और ब्रुनेई भी इस ऊर्जा संपन्न जल पर अपना अपना दावा करते हैं।
वियतनाम के राजदूत ने कहा कि हनोई के पास भारत को आमंत्रित करने का वैध अधिकार है और वह जल में भारतीय नौसेना द्वारा पोर्ट कॉल का स्वागत करेंगे। भारत की ओएनजीसी विदेश लिमिटेड वियतनाम द्वारा नियंत्रित दक्षिण चीन सागर के 128 बेसिन में अन्वेषण में पहले से ही शामिल है। ONGC विदेश लिमिटेड, तेल और प्राकृतिक गैस कॉर्प की विदेशी शाखा है। चीन ने पहले भी विशेष ब्लॉक में भारत की उपस्थिति का विरोध किया था।
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