ताइपे: चीन और ताइवान के बीच पिछले कुछ महीनों से लगातार खराब होते संबंध अब काफी बुरे दौर में पहुंच चुके हैं। ताइवान की अमेरिका से बढ़ती नजदीकियों से बौखलाए चीन ने अब अपने युद्धक विमान ताइवानी वायुक्षेत्र में भेजने शुरू कर दिए हैं। इसी के तहत हाल ही में अपने सबमरीन हंटर Y-8 एयरक्राफ्ट को ताइवान के वायुक्षेत्र में भेजा था। चीन को लगा था कि ताइवान इससे डर जाएगा, लेकिन अलर्ट पर पट्रोलिंग कर रहे ताइवानी लड़ाकू विमान ने चीन के जहाज को वॉर्निंग देकर वहां से खदेड़ दिया। ताइवान से मिले कड़े प्रतिरोध के बाद चीन एक बार फिर ज्यादा ताकत के साथ उसके आसमान में उड़ान भर सकता है।
'अपनी आखिरी सांस तक चीन से लड़ेंगे हमारे सैनिक'
ताइवान ने हाल ही में कहा था कि यदि चीन से युद्ध होता है तो ताइवान का अखिरी सैनिक भी देश की एकता और अखंडता के लिए अपनी आखिरी सांस तक लड़ेगा। ताइवान की एयरफोर्स ने बताया था कि यह घटना देश के दक्षिणी पश्चिमी वायुक्षेत्र में हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन का विमान विवादित द्वीप डांग्सा के पास आते ही ताइवान के लड़ाकू विमान ने उसे चेतावनी दी। चीन के विमान ने इसके बाद वापस जाने में ही अपनी भलाई समझी और चुपचाप वहां से निकल गया। ताइवान की एयरफोर्स ने बताया कि पिछले 2 हफ्ते में 9 बार ऐसी घटनाएं हुई हैं जब चीन के विमान उसके वायुक्षेत्र में घुसे हैं।
पहले भी कई बार दुस्साहस कर चुके हैं चीन के विमान
बता दें कि इससे पहले भी जब अमेरिका के उपविदेश मंत्री किथ क्राच ताइवान के दौरे पर आए थे तो चीन के 19 लड़ाकू विमानों ने घुसपैठ की थी। हालांकि तब भी ताइवान के रडार द्वारा इस घुसपैठ का पता लगने के बाद चीनी विमानों को वॉर्निंग जारी कर दी गई थी। बता दें कि भले ही ताइवान एक छोटा सा देश है, लेकिन उसके पास क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे ज्यादा मिसाइलें हैं। माना जाता है कि ताइवान के पास इस समय कम से कम 6000 मिसाइलें हैं, जो उसकी युद्धक तैयारी को दिखाता है। चीन की बेकरारी देखकर यही लगता है कि वह जल्द ही ताइवान में दुस्साहस कर सकता है। इसके पहले चीनी मीडिया भी ताइवान को युद्ध की धमकी दे चुका है।
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