बीजिंग: चीन के एक समाचार पोर्टल पर जानकारी दी गई कि मालदीव में बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच चीन के पांच नौसेना पोत पूर्वी हिंद महासागर में गए। वहां उसके छह अन्य पोत पहले से मौजूद थे। कुछ दिन पहले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से राष्ट्र में राजनीतिक संकट के समाधान की खातिर सैन्य दखल की अपील की थी। पोर्टल mil.news.sina.com.cn पर रिपोर्ट में कहा गया कि चीन के नौसेना पोतों में एक ऐसा पोत भी शामिल है जिस पर विमान, हेलिकॉप्टर उतर सकते हैं। (ढाका और चीन के बढ़ते संबंधों को लेकर भारत को चिंता करने की जरूरत नहीं- हसीना )
राष्ट्रपति अब्दुल्लाह यामीन जिन्हें चीन का करीबी माना जाता है, उन्होंने इस महीने की शुरुआत में राष्ट्र में आपातकाल लगा दिया था और विपक्ष के नेताओं तथा सुप्रीम कोर्ट के जज को गिरफ्तार करवा दिया था। तब से चीन मालदीव में विदेशी दखल का जोरदार विरोध कर रहा है। मालदीव के संसद ने राष्ट्रपति के अनुरोध को स्वीकार करते हुए आपातकाल की अवधि आज 30 दिन के लिए बढ़ा दी। अब आपातकाल 22 मार्च को समाप्त होगा।
माइक्रोब्लॉग साइट पर कहा गया कि दस दिन पहले चीन की नौसेना के पांच मुख्य युद्धपोत पूर्वी हिंद महासागर में गए थे। इसमें कहा गया कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी की नौसेना के तीन पोत पूर्वी, दक्षिण और पश्चिम हिंद महासागर में तीन मुख्य इलाकों में हैं। क्षेत्र में चीन के 11 युद्धपोत हैं। पिछले हफ्ते ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में कहा गया था कि भारत को मालदीव में दखल देना बंद करना चाहिए।
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