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चीन ने कहा, भारत के साथ संबंधों को रखना चाहता है मजबूत

चीन ने कहा है कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध के ‘ सही मार्ग ’ पर बने रहने , सहयोग के नये क्षेत्रों की संभावनाएं तलाशने तथा संबंधों में ठोस एवं सतत विकास चाहता है।

<p>हुआ <span class="scayt-misspell-word"...- India TV Hindi हुआ चुनयिंग

बीजिंग: चीन ने कहा है कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध के ‘ सही मार्ग ’ पर बने रहने , सहयोग के नये क्षेत्रों की संभावनाएं तलाशने तथा संबंधों में ठोस एवं सतत विकास चाहता है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान यह टिप्पणी की। उनसे दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय भेंटवार्ता की श्रृंखलाओं के बारे में सवाल किया गया था। पिछले साल के डोकलाम गतिरोध के पश्चात भारत और चीन ने संबंधों को पुन : पटरी पर लाने के लिए विभिन्न स्तरों पर संवाद तेज कर दिया है। हुआ ने कहा कि भारत के साथ चीन के रिश्ते में इस साल नयी तरक्की और संपूर्ण सहयोग नजर आया। उन्होंने कहा , ‘‘ दोनों नेताओं ( चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ) के मार्गदर्शन में इस साल चीन और भारत संबंध सही गति से बढ़ रहे हैं। ’’ (इंडोनेशिया में इमारत गिरने से 6 किशोरों समेत 7 की मौत )

उन्होंने कहा , ‘‘ चीन भारत के साथ संबंधों के विकास को बड़ा महत्व देता है और हम नेताओं के बीच बनी सहमति को लागू करने , द्विपक्षीय संबंध के सही मार्ग पर बने रहने , अधिक सकारात्मक ऊर्जा एकत्र करने , सहयोग के नये क्षेत्रों की संभावनाएं खंगालने तथा द्विपक्षीय रिश्ते में ठोस एवं सतत विकास के लिए साथ मिलकर काम करना चाहेंगे। ’’ हुआ ने बिना कोई ब्योरा देते हुए कहा , ‘‘ हमने सभी स्तरों पर घनिष्ठ संवाद एवं संपूर्ण सहयोग में नयी तरक्की देखी है। ’’ तेरह अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और चीन के विदेश विषयक आयोग के निदेशक तथा सत्तारुढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य यांग जीची के बीच शंघाई में भेंटवार्ता हुई थी। हुआ ने कहा कि इस भेंटवार्ता के अलावा देानों देशों ने संयुक्त आर्थिक समूह की बैठक की सफल 11 वीं बैठक तथा पांचवीं रणनीतिक आर्थिक वार्ता की।
 
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों ने भी आपस में बैठक की। दोनों पक्षों ने सीमा विषयों एवं सीमापार नदियों के बारे में कार्यप्रणाली बैठक की। उन्होंने कहा , ‘‘ ये सारे संवाद दर्शाते हैं कि चीन और भारत के काफी साझे हित हैं और हमारे द्विपक्षीय सहयोग की काफी संभावनाएं हैं। ’’ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी शंघाई सहयेाग संगठन की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए 24 अप्रैल को चीन की यात्रा करने वाली हैं। प्रधानमंत्री मोदी का शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जून में चीन यात्रा पर जाने का कार्यक्रम है।

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