बीजिंग: चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) का लक्ष्य दुनिया की सबसे मजबूत राजनीतिक पार्टी बनने का है। पार्टी ने भ्रष्टाचार की पहचान एक बड़ी चुनौती के रूप में की है। CPC की 19वीं कांग्रेस से पहले सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि दुनिया का ध्यान एक बार फिर से चीन की तरफ मुड़ गया है और CPC उस ध्यान के केंद्र-बिंदु में है। इस कांग्रेस में CPC उस नए नेतृत्व को पेश करेगी जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर शासन करेगी।
राष्ट्रपति शी चिनफिंग (64) पूरी तरह आश्वस्त हैं कि कांग्रेस में CPC के महासचिव के तौर पर उनको 5 साल का दूसरा कार्यकाल मिलेगा। चीन के घटनाक्रमों पर नजर रखने वालों का कहना है कि यह बैठक राष्ट्रपति शी के लिए यह मौका है कि वह अपने वफादार लोगों को मुख्य पदों पर आसीन करें और अपनी विरासत को मजबूत करें। शिन्हुआ ने कहा कि पिछले समय के साथ CPC ने प्रभावी संगठनात्मक ढांचा तैयार किया है और पार्टी अनुशासन को मजबूत किया है जिससे उसे युद्ध एवं क्रांतियों में अपना अस्तित्व बनाए रखने और एक सदी के बाद भी फलने-फूलने में मदद मिली।
CPC के नेतृत्व ने बार-बार चेताया है कि पार्टी को सबसे बड़ा खतरा भ्रष्टाचार से है और CPC को लोगों की बेहतर ढंग से सेवा करनी चाहिए और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का बेहतर ढंग से नेतृत्व करना चाहिए। पार्टी के संगठन विभाग ने पिछले महीने कहा कि साल 2016 के आखिर तक CPC के कुल 8.94 करोड़ सदस्य थे। साल 2015 की तुलना में पार्टी सदस्यों की संख्या में 0.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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