बीजिंग। चीन का झुरोंग मंगल रोवर, लाल ग्रह की जांच-पड़ताल का शुरुआती कार्यक्रम पूरा करने के बाद वहां टिका हुआ है और बर्फ में बदले पानी की तलाश कर रहा है जो इस बात के साक्ष्य उपलब्ध करा सकता है कि ग्रह पर कभी जीवन था या नहीं।
चीन के ‘नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर कहा कि झुरोंग ने अपना 90 दिन का कार्यक्रम 15 अगस्त को पूरा किया और वह बेहतरीन तकनीकी स्थिति में तथा पूरी तरह चार्ज है। इसने कहा कि रोवर यूटोपिया प्लैनिटिया के नाम से जाने जाने वाले क्षेत्र का पता लगाना जारी रखेगा जहां यह 14 मई को उतरा था।
झुरोंग लगातार तियानवेन -1 ऑर्बिटर के माध्यम से तस्वीरें और जानकारियां वापस भेज रहा है जो दिन में एक बार इसके ऊपर से गुजरता है। अमेरिका के बाद, चीन दूसरा देश है जिसने मंगल पर अंतरिक्षयान सफलतापूर्वक उतारा जो स्थायी रूप से वहां कार्यक्रम को पूरा कर रहा है। मंगल ग्रह पर दिन धरती के मुकाबले 40 मिनट ज्यादा बड़ा होता है।
1.85 मीटर (6 फीट) की ऊंचा झुरोंग अमेरिकी ‘पर्सेवरेंस रोवर’ से काफी छोटा है, जो एक छोटे हेलीकॉप्टर के साथ ग्रह की खोज कर रहा है। नासा को उम्मीद है कि उसका रोवर 2031 की शुरुआत में पृथ्वी पर लौटने के लिए जुलाई में अपना पहला नमूना एकत्र करेगा। चीन अपने स्थायी अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण भी कर रहा है, जिसमें तीन अंतरिक्ष यात्री अब तियानहे, या हेवनली हार्मनी पर सवार हैं, जिसे 29 अप्रैल को कक्षा में भेजा गया था।
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