बीजिंग: चीन की राजधानी बीजिंग में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के सात नए मामले सामने आए हैं। वहीं जिलिन प्रांत में 46, रूस की सीमा से सटे हेईलोंगजियांग प्रांत में 16 और बीजिंग के पड़ोसी प्रांत हेबेई में 19 नए मामलों की पुष्टि हुई है। दिसंबर 2019 में वुहान में पहली बार कोरोना वायरस संक्रमण का मामला आने के बाद से देश में 88,557 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वहीं संक्रमण से अभी तक कुल 4,635 लोगों की मौत हुई है। चीन का लक्ष्य फरवरी के मध्य तक देश के पांच करोड़ लोगों को कोविड-19 का टीका लगाने का है।
नेताओं के टीका नहीं लगवाने के सवाल पर साधी चुप्पी
वहीं ड्रैगन ने वरिष्ठ चीनी नेताओं के कोरोना का टीका नहीं लगवाने के सवाल पर चुप्पी साध रखी है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां अपनी दैनिक प्रेस वार्ता में विश्व के कई देशों के नेताओं के नाम गिनाए, जिन्होंने चीन में निर्मित कोविड-19 टीके लगवाए हैं। हुआ ने कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन, सेशेल्स के राष्ट्रपति वावेल रामकालवन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बहरीन, मिस्र और इंडोनेशिया के नेताओं ने चीनी टीके लगवाए हैं।
'इस सवाल का मेरे पास कोई जवाब नहीं'
उन्होंने कहा, “चीन ने प्रमुख समूहों में टीका उपलब्ध कराना शुरू किया है। हम सभी चीनी नागरिकों के लिए मुफ्त में टीकाकरण की शुरुआत करेंगे। उन सभी लोगों को व्यवस्थित रूप से टीका दिया जाएगा, जो मानदंडों को पूरा करते हैं।” यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रपति शी चिनफिंग, प्रधानमंत्री ली केकियांग और अन्य शीर्ष नेताओं ने टीका लगवाया है, हुआ ने कहा, “इस समय इस सवाल का मेरे पास कोई जवाब नहीं है।” प्रवक्ता ने कहा, “महामारी को रोकने और वायरस पर विजय पाने के लिए टीका हमारा अमोघ अस्त्र है।”
चीन ने जर्मनी की कंपनी से किया वैक्सीन ख़रीदने का सौदा
बता दें कि चीन कोरोना की वैक्सीन के विवाद में घिरता जा रहा है। पूरी दुनिया में आज चीन की कोविड वैक्सीन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पहले कोविड महामारी देने वाला चीन अब अपनी कोरोना वैक्सीन कई देशों को बेचने की कोशिश में जुटा हुआ है। उसके एक्सपर्ट दावा कर रहे हैं कि चीनी वैक्सीन सेफ़ है लेकिन, ख़ुद चीन ने जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक से वैक्सीन की दस करोड़ डोज़ ख़रीदने का सौदा किया है।
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