बीजिंग: भारत सरकार ने लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी सहित चीन की कंपनियों से जुड़े 118 अन्य मोबाइल ऐप पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया है। नई दिल्ली के इस नए कदम पर बौखलाए चीन की तरफ से पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक एक्सपर्ट के हवाले से कहा है कि यह कदम कोरोना वायरस और लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार के ‘दुस्साहस’ और ‘अवसरवाद’ को दिखाता है।
बयान में दिखी ड्रैगन की झुंझलाहट
ग्लोबल टाइम्स ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा, ‘भारत में 118 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का ताजा कदम, और वह भी सीमा पर उपजे नए तनाव के बाद, मोदी सरकार के ‘दुस्साहस और अवसरवाद’ को रेखांकित करता है, और यह सब कोरोना वायरस और बदहाल अर्थव्यवस्था के कारण आने वाली संभावित गिरावट से ध्यान हटाने के लिए किया गया है।’ ग्लोबल टाइम्स को चीन की सरकार का मुखपत्र भी कहा जाता है। एक्सपर्ट के हवाले से अखबार द्वारा की गई यह टिप्पणी सरकार के नए कदम पर ड्रैगन की झुंझलाहट दिखाती है।
बैन हुए चीनी ऐप्स की संख्या बढ़कर 224 हुई बता दें कि सरकार ने
PUBG सहित
चीन की कंपनियों से जुड़े 118 अन्य मोबाइल ऐप्स को भारत की संप्रभुता, अखंडत, सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरनाक बताते हुए इन पर
बैन लगा दिया है। इससे चीन की कंपनियों से संबंधित जिन ऐप पर भारत में प्रतिबंध लगाया गया है, उनकी संख्या बढ़कर अब 224 हो गई है। सरकार ने इससे पहले टिकटॉक और यूसी ब्राउजर समेत चीन के कई अन्य ऐप पर प्रतिबंध लगाया था।
PUBG के अलावा कई अन्य बड़े ऐप शामिल
इन ऐप्स पर बैन लगाते हुए सरकार ने कहा कि जनता के बीच यह भावना प्रबल थी कि नागरिकों की गोपनीयता व भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाले इस तरह के ऐप के खिलाफ कार्रवाई की जाये। नई प्रतिबंधित सूची में लर्न चाइनीज एआई, ही मेतु, वीपीन फॉर टिकटॉक, ब्यूटी कैमरा प्लस जैसे ऐप भी शामिल हैं।
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