भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मीटिंग से चीन में खलबली मच गई है। इसी कारण चीन ने कहा है कि अमेरिका चीन के खिलाफ भारत का इस्तेमाल कर रहा है। चीन ने कहा कि अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में कभी भी भारत के जगह के लिए दावेदारी नहीं की है। चीनी मीडिया का मानना है कि भारत और अमेरिका चीन पर लगाम लगाने के लिए एक दूसरे से दोस्ती बढ़ा रहे हैं। (सऊदी अरब ने कतर की मांगों को मानने से किया इंकार)
चीनी अखबार ने लिखा है कि अमेरिका भारत को चाहे जितना भी चारा डाले लेकिन उसके साथ अमेरिका के रिश्ते जापान या ऑस्ट्रेलिया की तरह रिश्ते नहीं हैं। चीनी अखबार ने कहा है कि अगर भारत ने अमेरिका के साथ रिश्ते बढ़ाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। चीनी अखबार ने धमकी दी है कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते प्रगाढ़ होने पर दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ सकता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसी साल अप्रैल में अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले थे।
चीनी अखबार ने लिखा है, “बराक ओबामा के कार्यकाल में भारत को लुभाने के लिए उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट दिलाने का वादा किया गया लेकिन इसके लिए कोई व्यावहारिक प्रयास नहीं किया गया। क्या ट्रंप भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट दिलाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे? कहना मुश्किल है। क्या ट्रंप पाकिस्तान द्वारा कथित तौर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के खिलाफ उस पर ज्यादा दबाव बनाएंगे? इसका जवाब भी लगभग ना ही है।”
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