भारत चीन के बीच लंबे समय से चल रहे डोकलाम विवाद के बीच चीन ने भारत के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी है। चीन का कहना है कि जोकलाम मुद्दे पर भारत की चीन को ब्लैकमेल करने की कोशिश असफल रही है। ग्लोबल टाइम्स में शंघाई अकैडमी ऑफ सोशल साइंस के इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल रिलेशन्स के रिसर्च फेलो हू जियांग ने अपने एक इंटरव्यू में कहा, 'पीएम नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस का भाषण यह दर्शाता है कि वह आम जनता का ध्यान घरेलू परेशानियों से हटाना चाहते हैं, खासतौर पर सुरक्षा के मुद्दे से। भारत में एक अस्पताल में मारे गए बच्चों समेत कई सारी घरेलू परेशानियां हैं। वह इन मुद्दों से सक्षमता के साथ नहीं निपट पा रहे हैं। ऐसे में भारत शायद यह सोचता हो कि चीन के साथ समस्या खड़ी करके वह घरेलू दिक्कतों से पार पा सकता है।' (नवाज शरीफ ने अयोग्य ठहराए जाने पर शीर्ष अदालत में दायर की अपील)
गौरतलब है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 71 वें स्लतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से कहा था कि 'हमारे जवानों ने उग्रवाद और युद्ध दोनों समय हमेशा अदम्य साहस का परिचय दिया है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया ने भी हमारी ताकत का लोहा माना है। राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।'
गौरतलब है कि बीते दिनों चीन के विदेश मंत्री ने दावा करते हुए कहा था कि भारत ने चीनी क्षेत्र में घुसने की बात स्वीकार की है। लेकिन उनके दावे के समर्थन में कोई आधार मुहैया नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, सही और गलत बहुत स्पष्ट है। यहां तक कि वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने खुल कर कहा है कि चीनी सैनिक भारतीय सरजमीं में नहीं घुसे हैं। हालांकि, उन्होंने नहीं बताया कि किस अधिकारी ने यह कहा है और कहां कहा है। उन्होंने कहा, दूसरे शब्दों में कहें तो भारत ने चीनी सरजमीं में घुसने की बात कबूल की है।
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