बीजिंग: चीन के एक प्रोफेसर ने अपने देश के जन्म दर में वृद्धि के लिए सरकार को खास सुझाव दिया है। प्रोफेसर ने चीन की सरकार से आग्रह किया है कि वह गिरती हुई जन्म दर को रोकने के लिए नवजात शिशुओं के माता-पिता को प्रत्येहक बच्चेन की परवरिश के लिए एक मिलियन युआन (1.14 करोड़) रुपये दे। प्रोफेसर के इस सुझाव के साथ ही सोशल मीडिया पर बच्चों की परवरिश में आने वाले खर्चे को लेकर बहस छिड़ गई। बता दें कि चीन इस समय दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है लेकिन इनमें अधिकांश संख्या बुजुर्गों की है।
नाकाफी साबित हो रही है देश की वर्कफोर्स
2010-2020 के दशक में चीन की आबादी सबसे धीमी दर से बढ़ी है। यह हाल तब है जब इस देश ने 'एक बच्चा नीति' में परिवर्तन कर लोगों को 2 बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी थी। हाल ही में हुई चीन की जनगणना में यह बात सामने आई है कि देश की घटती वर्कफोर्स बुजुर्गों की बढ़ती आबादी को सपोर्ट करने के लिए नाकाफी है। बता दें कि चीन में दुनिया की सबसे बड़ी बुजुर्ग आबादी है और आने वाले सालों में इसमें बढ़ोत्तरी ही होनी है।
Weibo पर प्रोफेसर ने शेयर किया वीडियो
चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर और ट्रैवल सर्विस प्रोवाइडर सीट्रिप के फाउंडर लियांग जियानजैंग (Liang Jianzhang) ने Weibo पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में जियानजैंग ने कहा है कि मौजूदा 1.3 फीसदी जन्मस दर को 2.1 फीसदी तक ले जाने में चीन की GDP का 10 फीसदी पैसा खर्च होगा। उन्होंने कहा, 'हर बच्चे को एक मिलियन युआन की ये राशि नकद, टैक्सा में छूट या आवास सब्सिडी के रूप में आवंटित की जा सकती है। मैंने बहुत सारे युवाओं से बात की है और जाना है कि यदि उन्हें कुछ हजार युआन दिए जाएंगे तो वे एक और बच्चा पैदा करने के लिए प्रोत्साहित नहीं होंगे।’
सोशल मीडिया पर छिड़ गई बहस
अपने वीडियो में Liang Jianzhang ने आगे कहा कि यदि एक परिवार दूसरे बच्चे को जन्म देता है, तो उस बच्चे का सामाजिक सुरक्षा, टैक्सआ रेवेन्यूि में योगदान एक मिलियन युआन से ज्या,दा होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को यह रकम बच्चों के माता-पिता को देनी होगी ताकि जन्म दर में बढ़ोत्तरी हो सके। जियानजैंग के इस सुझाव को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि क्या इस तरह पैसा खर्च करना देश के लिए सही होगा या नहीं। इस मुद्दे पर लोग बंटे हुए नजर आए और कुछ ने प्रोफेसर का समर्थन किया तो कुछ उनके इस विचार से सहमत नहीं दिखे।
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