बीजिंग: चीन के नागरिक मामलों के मंत्री ली जिहेंग ने कहा है कि देश की कुल जन्म दर चेतावनी रेखा से नीचे चली गई है। जन्म दर के आंकड़ों को देखकर चीन के जनसांख्यिकी विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि देश की जनसंख्या में जल्द ही गिरावट आनी शुरू हो सकती है। चीन में दशकों तक चली एक बच्चे की नीति को साल 2016 में खत्म करके दूसरे बच्चे को जन्म देने की अनुमति दे दी गई थी। बुजुर्ग लोगों की बढ़ती आबादी के चलते चीन जनसांख्यिकी संकट का सामना कर रहा है। जनसांख्यिकी विशेषज्ञों ने सरकार से सीमित जनसंख्या नियंत्रण नीति पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
विशेषज्ञों ने सरकार से किए कई अनुरोध
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनसांख्यिकी विशेषज्ञों ने साथ ही सरकार से बिना विवाह के बच्चे पैदा करने के प्रति और अधिक सहनशील रुख अपनाने तथा उनकी पालन-पोषण एवं शिक्षा पर होने वाले खर्च को और अधिक सस्ता बनाने का भी अनुरोध किया है। सरकार द्वारा संचालित 'ग्लोबल टाइम्स' की खबर के अनुसार, ली ने एक लेख में कहा कि विभिन्न कारकों के प्रभाव के चलते चीन के लोग बच्चे पैदा करने में कम रूचि दिखा रहे हैं। उन्होंने अपने लेख में लिखा है कि कुल जन्म दर चेतावनी रेखा से नीचे चली गई है और जनसंख्या वृद्धि दर महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गई है।
2016 में खत्म हुई थी एक बच्चा नीति
बता दें कि चीन ने 2016 में एक दंपत्ति को एक ही बच्चा की दशकों पुरानी पालिसी को खत्म करने करने का फैसला किया था। चीन पर शासन करने वाली कम्यूनिस्ट पार्टी ने तब कहा था कि कोई दंपत्ति अगर चाहे तो वो दो बच्चे पैदा कर सकता है। हालांकि इसके बाद भी चीन में जन्म दर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। एक दंपत्ति को एक ही बच्चा की पालिसी वाली विवादित पालिसी को साल 1979 में लागू किया गया था। चीन की सरकार द्वारा लागू की गई इस नीति का लक्ष्य देश की जनसंख्या को नियंत्रित करना था।
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