पाकिस्तान को लेकर चीन की नीति नहीं बदली: इकबाल
पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसन इकबाल ने सोमवार को कहा कि घोषणापत्र में कुछ भी 'नया नहीं' है।
इस्लामाबाद: आतंकवादी संगठनों के नाम हालिया ब्रिक्स घोषणापत्र में शामिल किए जाने की ओर इशारा करते हुए पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसन इकबाल ने सोमवार को कहा कि घोषणापत्र में कुछ भी 'नया नहीं' है। देश के संस्थापक की पुण्यतिथि के अवसर पर करांची स्थित कायद-ए-आजम की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर चीन की नीति नहीं बदली है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, "ब्रिक्स की ओर से जारी घोषणापत्र 'हर्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन की तरह ही है। घोषणापत्र में पाकिस्तान को लेकर चीन की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।" पाकिस्तान के साथ प्रतिबद्धता और दोस्ती निभाने के चीन सरकार के वादे पर बल देते हुए इकबाल ने कहा, "पाकिस्तान हर्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शामिल था। उन लोगों ने उसी कांफ्रेस के घोषणापत्र की नकल की है।" (9/11 आतंकी हमले की बरसी पर ट्रंप ने लिया आतंकवाद के खात्मे प्रण)
मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स घोषणापत्र पाकिस्तान के विरुद्ध नहीं है बल्कि घोषणापत्र में पाकिस्तान के पक्ष को ही बल दिया गया है जिसमें कहा गया है कि देश में प्रतिबंधित संगठन स्वीकार्य नहीं है। यह पाकिस्तान की नीति नहीं है। उन्होंने कहा, "चिंता करने का कोई कारण नहीं है।" इस महीने की शुरुआत में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने अपने ब्रिक्स घोषणापत्र में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों को क्षेत्र की सुरक्षा चिंता के तौर पर नामित किया था और उनके आकाओं को पकड़ने का आह्वान किया था।
इकबाल ने कहा, "हमें उन राजनीतिक तत्वों से चौकन्ना रहने की जरूरत है जो हमें अव्यवस्था की ओर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान विदेशी खतरों का सामना कर रहा है और इन खतरों से केवल आंतरिक स्थिरता और सुरक्षा को मजबूत करके ही लड़ा जा सकता है।" पाकिस्तान इन दिनों आतंकवाद के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय आलोचनाओं का सामना कर रहा है। पिछले महीने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों के रहने के लिए 'सुरक्षित स्वर्ग' बताया था जिसपर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी।