नई दिल्ली: चीन हर वक्त अपनी ताकत की धौंस दिखाता रहता है, लेकिन वो असल में बेहद कमजोर है और अंदर ही अंदर कितना खोखला भी है। चीन के अंदरूनी हालात इस सच को पूरा तरह से साबित करते हैं कि हिंदुस्तान को युद्ध की धमकी देने और बार-बार बॉर्डर पर बदमाशी करने वाला चीन अंदर से कितना कमजोर है। चीन की सड़कें खोखली हैं, चीन के फुटपाथ का कोई भरोसा नहीं, चीन का ड्रेनेज सिस्टम बेहाल है। इतना ही नहीं चीन के टैंक भी किसी चीनी माल की तरह ही फिसड्डी हैं।
चीन खुद को दुनिया का सुपरपावर मानने लगा है। लेकिन यहां की सड़कें खोखली हैं। सड़कों पर दौड़ती गाड़ियां कब किसी गड्ढे में घुस जाए इसका अंदाजा नहीं है। यहां के पुल को सैलानियों का वजन ढोने की भी आदत नहीं है। कमजोर और जर्जर पुल हमेशा हादसे को निमंत्रण देते रहते हैं। यहां पैदल चलते हुए आप कभी भी जर्जर फुटपाथ के शिकार हो सकते हैं।
खुद को दुनिया की सबसे ज्यादा उभरती हुई ताकत मानने वाला चीन असल में कितना कमजोर और खोखला है, इसकी एक बानगी कुछ रोज पहले रूस में भी दिखी थी। जब उसका सबसे ताकतवर T-96 टैंक भारत के T-90 टैंक से पीछे रह गया था। इतना ही नहीं, इस रेस में चीनी टैंक के कई हिस्से इधर-उधर बिखर गए। इन खोखले और कमजोर हालात में अब तो चीन ही ये तय करे कि वो युद्ध कर भी पाएगा या नहीं। क्योंकि ऐसे चीन को मात देने के लिए भारत की तैयारी जबरदस्त है।
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