बीजिंग: अमेरिका के बाद रक्षा क्षेत्र पर सर्वाधिक खर्च करने वाले चीन ने मंगलवार को इस साल के अपने रक्षा बजट को साढ़े सात प्रतिशत की वृद्धि के साथ 177.61 अरब डॉलर करने का ऐलान किया है। यह भारी-भरकम राशि भारत के रक्षा बजट के मुकाबले तीन गुना से भी अधिक है। चीन की संसद 'नेशनल पीपुल्स कांग्रेस' के वार्षिक सत्र के पहले दिन मंगलवार को पेश किये गए बजट के मसौदे के मुताबिक 2019 का रक्षा बजट 1,190 अरब युआन (करीब 177.61 अरब डॉलर) का होगा। इस साल रक्षा बजट में पिछले साल के 8.1 प्रतिशत के मुकाबले कम बढ़ोत्तरी की गयी है।
चीन वर्ष 2016 से अपने रक्षा बजट में हर साल दस से कम अंक की वृद्धि कर रहा है अन्यथा 2015 तक उसने रक्षा क्षेत्र में दोहरे अंकों में बढ़ोत्तरी की थी। इस साल की बढ़ोत्तरी के साथ रक्षा क्षेत्र पर चीन का व्यय 200 अरब डॉलर के आंकड़े के करीब पहुंच गया है।
भारत के रक्षा बजट को इस साल 6.87 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3.18 लाख करोड़ रुपये करने का फैसला किया गया। हालांकि, यह आंकड़ा पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के अपनी रक्षा क्षमताओं को लगातार बढ़ाये जाने की वजह से लगायी जा रही उम्मीदों के अनुरूप नहीं है।
हाल के वर्षों में चीन ने अपनी सेना में कई बड़े सुधार किये हैं। इसके तहत उसने दूसरे देशों में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए नौसेना और वायुसेना को प्राथमिकता देते हुए उनका विस्तार किया। इसके अलावा उसने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों की संख्या में भी तीन लाख तक की कटौती की है। इसके बावजूद 20 लाख के संख्याबल के साथ पीएलए अब भी दुनिया की सबसे बड़ी सेना है।
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