चीन ने फिर बोला झूठ, विदेश मंत्रालय ने कहा हमने नहीं बनाया किसी भी भारतीय सैनिक को बंधक
चीन और भारत के बीच सोमवार को हुई हिंसक भिड़ंत के बीच चीन का एक और झूठ सामने आ गया है।
चीन और भारत के बीच सोमवार को हुई हिंसक भिड़ंत के बीच चीन का एक और झूठ सामने आ गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने आज कहा है कि उसने भारत के किसी भी सैनिक को बंधक नहीं बनाया है। चीनी की यह प्रतिक्रिया उस खबर के बाद आई है जिसमें बताया गया था कि गुरुवार को चीन ने 10 भारतीय सैनिकों को भारत के हवाले किया है। इन सैनिकों में सेना के 4 अफसर भी शामिल हैं।
चीन की सरकार मीडिया सीजीटीएन में अपनी रोजाना प्रेस ब्रीफ्रिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन ने सोमवार को भारतीय सेना के साथ हुई खूनी भिडंत के बाद किसी भी भारतीय सैनिक को जबरन अपने कब्जे में नहीं रखा था। दूसरी ओर आज भारतीय सेना ने इस बात का खुलासा किया था कि चीन ने भारत के 10 सैनिकों को गुरुवार शाम 4 बजे भारत को वापस किया है। बता दें कि लद्दाख की गलवान वैली में मंगलवार के बाद से कमांडर लेवल की बातचीत जारी थी। भारत की ओर से चीनी सेना से सैनिकों को छोड़ने की मांग की गई थी।
गलवान में चीनी साजिश का खुलासा
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों की खूनी मुठभेड़ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सैटेलाइट तस्वीरों से साफ पता चलता है कि चीन ने करीब एक हफ्ते पहले ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। चौकाने वाली बात यह है कि चीन ने गलवान नदी की धारा रोकने के लिए बांध भी बना दिया हैं। सैटेलाइट नक्शे प्रदान करने वाली कंपनी प्लैनेट लैब्स ने खुलासा किया है कि किस तरह 9 जून से 16 जून के बीच चीन ने गलवान घाटी में अपनी तैनाती के साथ ही पूरी तस्वीर बदल दी। प्लेनेट लैब्स ने 9 जून और 16 जून की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। सैटेलाइट तस्वीर से साफ पता चल रहा है कि एक हफ्ते में पूरी गलवान घाटी में चीन ने कायापलट कर दिया। 9 जून को जहां पूरा इलाका खाली था, चीनी सीमा के कई किलोमीटर अंदर तक चीन की कोई हलचल नहीं थी। वहीं हफ्ते भर में 16 जून तक यहां चीन ने एलएसी के पास बड़ी संख्या में निर्माण कर लिया है। चीन ने यहां टैंट और वॉच टावर बना लिए हैं। ये टैंट और टावर जले दिख रहे हैं। बता दें कि भारतीय सेना ने इन टैंट को जला दिया था, जिससे 15 जून को विवाद पैदा हुआ था। इस इलाके में न सिर्फ चीन की सेना का मूवमेंट हुआ है, वहीं यहां पर चीन ने हैवी मशीनरी जमा कर ली है।