इस्लामाबाद: चीन ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की तरफ से पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी नामित करने की भारत की मुहिम को ब्लॉक करने की उसकी नीति में कोई अंतरविरोध नहीं है और ब्रिक्स घोषणा आतंकवादी समूहों के खिलाफ थी न कि व्यक्तियों के खिलाफ। पाकिस्तानी मीडिया ने आज यह बताया। वीटो की शक्ति से संपन्न सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य चीन ने परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने की भारत की मुहिम को बार बार ब्लॉक किया। (पाक ने की भारत को वार्ता बहाली की पेशकश, जवाब का इंतजार)
चीन का नवीनतम कदम दो नवंबर को आया जब उसने वैश्विक आतंकवादी के तौर पर नामित करने का अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का प्रस्ताव आया था। इससे पहले चीन ने फरवरी में इस तरह का कदम उठाया था।
बीजिंग में इसी हफ्ते काउंसिल ऑफ पाकिस्तान न्यूजपेपर्स एडिटर्स के एक शिष्टमंडल को संबोधित करते हुए काउंसेलर एवं विदेश मंत्रालय में एशिया खंड निदेशक चेन फेंग ने कहा कि आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ब्रिक्स घोषणा के बाद अजहर के खिलाफ किसी प्रस्ताव को वीटो करना चीन की नीति में कोई अंतरविरोध नहीं दिखाता क्योंकि ब्रिक्स सदस्य ऐसे किसी समझौते में नहीं गए हैं। उधर पाकिस्तान टूडे की रिपोर्ट के अनुसार चेन ने स्पष्ट किया ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सिर्फ प्रतिबंधित संगठनों पर चर्चा हुई थी और व्यक्तियों पर नहीं हुई थी।
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