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घातक लड़ाकू ड्रोन के साथ पाकिस्तान की मारक क्षमता को बढ़ा रहा चीन

चीन और भारत की सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आमने-सामने है। इस बीच चीन, पाकिस्तान को घातक लड़ाकू ड्रोन देकर उसकी मारक क्षमता में इजाफा करना चाह रहा है।

China enhances Pakistan's firepower with armed drones- India TV Hindi Image Source : INDIA TV China enhances Pakistan's firepower with armed drones

नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान की दोस्ती एक बार फिर खुलकर सामने देखने को मिल रही है। भारत के खिलाफ चीन पाकिस्तान की अत्याधुनिध हथियार देकर मदद कर रहा है। कोरोना संकट काल में जहां विश्व के सभी देश कोरोना वैक्सीन को लेकर चिंतित है वहीं चीन और पाकिस्तान लगातार मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस को लेकर चीन दुनिया का ध्यान इस बात से हटाने की पूरी कोशिश में लगा हुआ है। भारत के खिलाफ साजिश रच रहे चीन और पाकिस्तान को लेकर एक बार फिर से बड़ी खबर सामने आ रही है। एक तरफ भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख को लेकर तनाव बना हुआ है वहीं अब चीन सशस्त्र ड्रोन सहित अत्याधुनिक रक्षा सामग्री बेचकर पाकिस्तान की रक्षा क्षमता बढ़ाने में मदद कर रहा है। 

खुफिया सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान, चीन से मध्यम-ऊंचाई वाले अत्याधुनिक मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी)-कै हान्ग-4 (सीएच-4) की थोक में खरीद कर रहा है। चीन और भारत की सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आमने-सामने है। इस बीच चीन, पाकिस्तान को घातक लड़ाकू ड्रोन देकर उसकी मारक क्षमता में इजाफा करना चाह रहा है।

सूत्रों ने बताया कि ब्रिगेडियर मोहम्मद जफर इकबाल के नेतृत्व में पाकिस्तान सेना की 10 सदस्यीय टीम ने खरीद प्रक्रिया की समीक्षा करने के लिए चीन का दौरा किया है। एक सूत्र ने कहा, पाकिस्तानी सेना की टीम चीन में एयरोस्पेस लॉन्ग-मार्च इंटरनेशनल ट्रेड कंपनी (एएलआईटी) से खरीदे गए सामानों के लिए फैक्टरी स्वीकृति परीक्षण के लिए चीन गई थी। ब्रिगेडियर मोहम्मद जफर इकबाल ने इसका नेतृत्व किया।

यह भी पता चला कि इकबाल इससे पहले सीएच-4 की पहली खेप की फैक्टरी स्वीकृति परीक्षण के लिए दिसंबर 2019 में चीन का दौरा कर चुके हैं, जिसकी डिलीवरी 2020 में होनी है। सीएच-4 में वेरिएंट के आधार पर 1,200-1,300 किलोग्राम के बीच टेक-ऑफ मास की क्षमता है। यह भारी मात्रा में पेलोड भी लेकर जा सकता है। यूएवी अब इराकी सेना और रॉयल जार्डन वायु सेना सहित कई सैन्य बलों की सेवा में है।

सूत्रों ने यह भी कहा कि एएलआईटी ने पाकिस्तान को कमांड और नियंत्रण विकल्पों की भी पेशकश की है, जिसमें डायरेक्ट लाइन-ऑफ-विजन और उपग्रह संचार (सैटेलाइट कम्यूनिकेशन) शामिल हैं। पाकिस्तान ने भारत में और अशांति पैदा करने के लिए जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर इन यूएवी को तैनात करने की योजना बनाई है। सूत्र ने कहा, चीन, पाकिस्तान को ऐसा करने में मदद कर रहा है।

भारत और चीन तीन महीने से अधिक समय तक एलएसी के पास कई स्थानों पर आमने-सामने है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर अभूतपूर्व गतिरोध व्याप्त है। चीन अपनी विस्तारवादी नीति पर काम कर रहा है और वह एलएसी से सटे विभिन्न स्थानों पर यथास्थिति बदलने के प्रयासों में लगा हुआ है। भारत ने इस पर आपत्ति जताई है और वह चीन के साथ सभी स्तरों पर मामले को उठा रहा है। दोनों देश गतिरोध खत्म करने के लिए सैन्य और राजनयिक वार्ता में लगे हुए हैं, लेकिन अभी तक इसमें कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। (इनपुट- IANS)

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