लाखों कुत्तों को खा जाएंगे अब चीनी, शुरू हुआ उनका 'डॉग मीट फेस्टिवल'
चीन के यूलिन प्रांत में लोग 'डॉग मीट फेस्टिवल' त्योहार शुरू हो चुका है। चीन के दक्षिण-पश्चिमी शहर यूलिन में कुत्तों का बाजार सज गया है और लोग आने भी लगे हैं।
China Dog meat festival: दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस अभी पूरी दुनिया में तबाही मचा ही रहा है और इधर चीन के यूलिन शहर के गुवांग्शी प्रांत में अगले 10 दिन तक चलने वाला 'डॉग मीट फेस्टिवल' आज मंगलवार (23 जून) से शुरू हो चुका है। हालांकि, आयोजनकर्ताओं का कहना है कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम में लोगों की संख्या को कम किया गया है और उम्मीद करते हैं कि यह आखिरी बार आयोजित किया जा रहा है।
जानिए क्या है 'डॉग मीट फेस्टिवल'
चीन के यूलिन प्रांत में लोग 'डॉग मीट फेस्टिवल' त्योहार शुरू हो चुका है। चीन के दक्षिण-पश्चिमी शहर यूलिन में कुत्तों का बाजार सज गया है और लोग आने भी लगे हैं। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए वे कम दामों पर अलग-अलग नस्ल के कुत्ते कम कीमत पर बेच जा रहे हैं। साथ ही अलग-अलग तरीके से उन्हें पकाने का तरीका भी सिखाया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि 'डॉग मीट फेस्टिवल' में हर साल लोग कुत्ते का मांस खाने के लिए एकजुट होते हैं। जानवरों का मांस खाने के शौकीन चीन में कुत्तों का मांस भी लोग बड़े चाव से खाते हैं। यहां तक कि चीन के लोग इस मांस को 'Mutton of the Earth' कहते हैं। वहां के लोग कुत्ते के मांस में आध्यात्मिक ताकत देखते हैं और ईश्वर से जुड़ने के लिए इसे खाने पर जोर देते हैं। वे मानते हैं कि कुत्तों का मांस न सिर्फ आत्मा को, बल्कि शरीर को भी तंदुरुस्त रखता है। यहां पर कई तरीकों से नमकीन के साथ मीठी डिश बनाकर भी दी जाती है। चीन ने लगभग दो महीने पहले फरवरी के अंत में जंगली जानवरों की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बड़ा क्रूर है पकाने का तरीका
बताया जा रहा है कि चीन में कई सालों से कुत्ते का मांस खाया जा रहा है। कुत्तों को पकाने के अलग-अलग तरीकों के अलावा एक तरीका यहां खासा क्रूर है, इसे pressed dog रेसिपी कहते हैं, जिसके तहत कुत्तों की स्किन निकालकर उसे पीटकर फिर रातभर मैरिनेट करते हैं और फिर पकाते हैं। इसके लिए अलग से चीन और पड़ोसी देशों से भी कुत्तों की तस्करी की जाती है।
लाखों कुत्ते खा जाते हैं चीन के लोग
कुत्तों को एक जगह जमा करने के बाद उन्हें छोटे-छोटे पिंजरों में रखा जाता है और दिन नजदीक आने पर उन्हें बाहर निकालकर सजा दिया जाता है, जैसे वे जीते-जाते जानवर न होकर कोई फल-सब्जी हों। इंडिया टाइम्स की खबर की मानें तो इन दस दिनों में ही 10 हजार से ज्यादा कुत्ते मार दिए जाते हैं। वहीं पूरे साल में चीन में 10 से 20 मिलियन कुत्ते चीनी लोगों की जीभ की बलि चढ़ते हैं।
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि चीन की सरकार जंगली जानवरों से जुड़े ट्रेड और पालतू जानवरों से जुड़े व्यापार के लिए नए कानूनों पर काम कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना वायारस इंसानों से पहले चमगादड़ों में पाया गया था। पहला केस भी वुहान के उसी मार्केट से आया था, जहां उनका मीट बिकता है। चीन का शेन्झेन वो शहर है जहां कुत्तों के मीट को लेकर बैन लगाया जा चुका है। हालांकि, जानवरों और पशुओं के प्रति इस तरह के अत्याचार को लेकर चीन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना होती रही है। दुनियाभर की पशुप्रेमी संस्थाएं इस पर सवाल कर रही हैं।