काठमांडू: चीन ने अपने बेल्ट एंड रोड कदम के तहत नेपाल में निवेश के प्रस्ताव को स्वीकार लिया है। समाचार पत्र द काठमांडू पोस्ट के अनुसार नेपाल के परिवहन मंत्री रमेश लेखक ने अपने चीन प्रवास के दौरान अपने चीनी समकक्ष ली शियाओपेंग को प्रस्ताव दिया था कि नेपाल के सीमावर्ती इलाकों को सड़क एवं रेल नेटवर्क से जोड़ा जाए। (OMG: पाकिस्तान में कुत्ते को सुनाई गई मौत की सजा)
खबर में कहा गया है कि ली ने निवेश के प्रस्ताव को स्वीकार किया और नेपाल में बड़ी परियोजनाओं के प्रति समर्थन जताया। मुलाकात के दौरान ली ने कहा कि नेपाल के आर्थिक विकास को लेकर नये कदम उठाए गए हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन यह कदम भारत को चिढ़ाने के लिए उठाया है। चीन OBOR के तहत नेपाल में सड़क और रेल मार्गों के निर्माण में भारी निवेश करेगा।
पिछले रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वन बेल्ट वन रोड फोरम का उद्घाटन किया। दुनिया भर से आए 1,500 प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने वन बेल्ट वन रोड इनिशिएटिव को 'प्रोजेक्ट ऑफ द सेंचुरी' करार दिया। उन्होंने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय परियोजना से दुनिया भर के लोगों को फायदा होगा। भारत ने चीन के बेल्ट एंड रोड फोरम से एक दिन पहले CPEC पर अपनी चिंता समेत OBOR के जरिए क्षेत्रीय संप्रभुता और कर्ज बोझ पर बयान दिया था। वन बेल्ट, वन रोड पर भारत ने कहा था, 'कनेक्टिविटी की पहल अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों, बेहतर प्रशासन, कानून, पारदर्शिता और समानता पर आधारित होनी चाहिए।
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