पोम्पिओ के दावे पर चीन का पलटवार, दी वुहान से Covid-19 के निकलने संबंधी ढेर सारे सबूत दिखाने की चुनौती
चीन ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को यह चुनौती दी कि वुहान की एक प्रयोगशाल से कोरोना वायरस का उद्भव साबित करने के लिए ढेर सबूत होने का वह जो दावा कर रहे हैं तो वह सबूत उन्हें दिखाएं।
बीजिंग: चीन ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को यह चुनौती दी कि वुहान की एक प्रयोगशाल से कोरोना वायरस का उद्भव साबित करने के लिए ढेर सबूत होने का वह जो दावा कर रहे हैं तो वह सबूत उन्हें दिखाएं। उसने यह भी कहा कि यह मामला वैज्ञानिकों को देखना चाहिए, न कि चुनाव के साल में अपनी घरेलू राजनीतिक बाध्यता से जूझ रहे नेताओं को। हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री पोम्पिओ ने दावा किया है कि यह घातक वायरस चीन के मध्य शहर वुहान के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से निकला। इसी शहर में पिछले साल दिसंबर में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था।
दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों को यह जानने के लिए आने से मना कर दिया कि दरअसल हुआ क्या था। चीन ने अमेरिका के दावे को बड़ी दृढ़ता से खारिज किया। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि ढेर सारे सबूत हैं। तो वह हमें ढेर सारे सबूत दिखाएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पोम्पिओ कोई सबूत पेश नहीं कर सकते, क्योंकि उनके पास सबूत है ही नहीं। इस मामले को, चुनाव के साल में अपनी घरेलू राजनीतिक बाध्यता से जूझ रहे नेताओं के बजाय, वैज्ञानिकों को संभालना चाहिए।’’
चीन के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को 2020 के (अमेरिकी राष्ट्रपति पद के) चुनाव से पहले चीन को बदनाम करने की रिपब्लिकनों की राजनीतिक रणनीति करार दिया ताकि नवंबर में राष्ट्रपति ट्रंप के पुनर्निर्वाचन की संभावना को मजबूत किया जा सके। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हाल ही में बेनकाब हुई अमेरिकी रिपब्लिकनों की रणनीति दर्शाती है कि वे वायरस की आड़ में चीन पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित हुए।’’ उन्होंने कहा कि चीन ऐसी तरकीबों से आजिज आ गया है।
हुआ ने कहा, ‘‘हम अमेरिका से ऐसे दुष्प्रचार या अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करना बंद करने की अपील करते है। उसे अपनी समस्याओं और अपने यहां महामारी से निपटना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा कि अमेरिका ने अपने दावे के समर्थन में अबतक कोई सबूत नहीं पेश किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के उद्भव के मुद्दे पर लोगों में भिन्न-भिन्न राय हैं । मैं समझती हूं कि उद्भव का पता लगाना बहुत गंभीर विषय है। उस पर वैज्ञानिकों एवं पेशेवरों द्वारा अनुसंधान किया जाना चाहिए।’’
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अमेरिका समेत दुनिया के सभी शीर्ष वैज्ञानिक मानते हैं कि यह वायरस प्रकृति से आया, न कि वह मानवनिर्मित है। ऐसी कोई संभावना नहीं है कि उसे प्रयोगशाला से लीक किया गया।’’ उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने भी कहा कि सारे सबूत दर्शाते है कि यह वायरस मानवनिर्मित नहीं है।
उन्होंने कहा कि हाल की कुछ रिपोर्टें बताती है कि अमेरिका में पिछले साल अक्टूबर में कोरोना वायरस के मामले सामने आए और फ्रांस की रिपोर्ट में पिछले साल दिसंबर में एक मरीज से कोरोना वायरस का पता चलने का उल्लेख है। ऐसे में सभी देशों को 2019 में सामने आये मामलों का पुन: परीक्षण करना चाहिए। हुआ ने पोम्पिओ को अपने इस आरोप के पक्ष में भी सबूत दिखाने को कहा कि अतीत में भी चीन में प्रयोगशाला से वायरस निकले। उन्होंने सवाल दागा, ‘‘चीन में कब, कहां और किस प्रयोगशाला में ऐसी विफलता हुई?’’