बीजिंग: चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों पर हो रहा अत्याचार दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। ड्रैगन ने उइगर मुसलमानों से पहले ही अरबी में कुरान पढ़ने का हक वापस ले चुका है, उनको सूअर का मांस खिला रहा है, और अब उन्हें बंधुआ मजदूर बनाकर रख दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने मुस्लिम बहुल शिनजियांग में 135 यातनागृहों को फैक्ट्रियों में तब्दील कर दिया है और उइगरों से इनमें कई घंटों तक लगातार काम ले रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, रोजाना कई घंटे तक जबरन काम करने की एवज में उइगर मुसलमानों को हर महीने सिर्फ 100 रुपये दिए जा रहे हैं।
‘अब तक हिरासत में लिए जा चुके हैं 10 लाख उइगर’
न्यूज वेबसाइट बजफीड ने सरकारी दस्तावेजों, इंटरव्यू और सैकड़ों सैटलाइट तस्वीरों की मदद से उइगर मुसलमानों की हालत के बारे में यह बड़ा खुलासा किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, उइगर मुसलमानों से न सिर्फ यातनागृहों के अंदर बल्कि बाहर भी काम लिया जाता है। कुछ यातनागृह तो इतने बड़े हैं कि वहां हजारों की संख्या में उइगर मुसलमान 'कैद' हैं और जबरन काम करने के लिए अभिशप्त हैं। बजफीड की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सभी फैक्ट्रियों का कुल एरिया 2 करोड़ स्क्वेयर फीट से भी ज्यादा है और इसमें लगातार इजाफा होता जा रहा है। उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2016 से अब तक कुल 10 लाख उइगरों को हिरासत में लिया जा चुका है।
‘एक महीने में मिला करते थे मात्र 100 रुपये’
इन फैक्ट्रियों में काम कर चुकीं 2 उइगर महिलाओं ने बताया कि जब वे हिरासत में थीं तब उन्हें इस फैक्ट्रियों में घंटों तक काम करना होता था। उन्होंने बताया कि उन्हें बसों में भरकर फैक्ट्रियों तक ले जाया जाता था और उनसे दस्ताने बनवाए जाते थे। जब उनसे पूछा गया कि इस काम के उन्हें कितने पैसे मिलते थे तो उनके चेहरे पर फीकी हंसी आ गई। उन्होंने कहा कि चीन ने एक ऐसा नरक बनाया है जिसने उनका जीवन बर्बाद कर दिया है। एक महिला ने बताया कि उन्हें एक महीने काम करने की एवज में 9 युआन या 100 रुपये दिए जाते थे। उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्हें रोज कम से कम 9 घंटे काम करना होता था।
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