बीजिंग: पिछले कुछ दिनों से सारी दुनिया की नजरें मध्य पूर्व एशिया और खासकर ईरान के आसपास हो रही घटनाओं पर हैं। इस समय ईरान और अमेरिका के बीच जबर्दस्त तनाव है और दोनों देश युद्ध के मुहाने पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। इस बीच चीन ने सोमवार को अमेरिका पर अपनी धौंस जमाने वाली हरकतों से यह मौजूदा संकट पैदा करने का आरोप लगाया है। चीन ने 2015 के परमाणु समझौते की सीमा से अधिक यूरेनियम संवर्द्धन करने के ईरान के फैसले पर अफसोस जताते हुए संकट से बचने के लिए सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने को कहा है।
सवालों का सीधा जवाब देने से किया परहेज
चीन ने अफसोस जताया और संकट पैदा करने के लिए अमेरिका की आलोचना की लेकिन सवालों का सीधा जवाब देने से परहेज किया। उससे पूछा गया था कि अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए क्या चीन ईरानी तेल का आयात करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ‘चीन को परमाणु समझौते की अपनी प्रतिबद्धताओं से आगे बढ़ने की ईरान की घोषणा पर अफसोस है।’ शुआंग ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमेरिका की ओर से बनाया गया अत्यधिक दबाव मौजूदा संकट का मूल कारण है।
अमेरिका को ठहराया संकट के लिए जिम्मेदार
शुआंग ने कहा कि अमेरिका परमाणु समझौते से ना सिर्फ बाहर निकला बल्कि उसने एकतरफा पाबंदी भी लगा दी जिससे समझौते का क्रियान्वयन में बाधाएं आईं। उन्होंने कहा कि धौंस जमाने वाली एकतरफा कार्रवाई के कारण दुनिया में बड़ा संकट पैदा हो गया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बहुपक्षवाद को लेकर प्रतिबद्ध होना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत राजनीतिक और राजनयिक समाधान पर जोर देना चाहिए। आपको बता दें कि बीते कुछ महीनों से अमेरिका और चीन के बीच भी भारी तनातनी चल रही है।
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