बीजिंग: चीन ने सोमवार को कहा कि वह सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले दौमा शहर में संदिग्ध रसायन हमले की जांच का समर्थन करेगा। इस हमले को लेकर दुनिया भर में गुस्से की लहर है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ‘हम किसी भी स्थिति में किसी भी कारण से किसी भी देश, संगठन और व्यक्ति द्वारा रसायन हथियारों के इस्तेमाल का सख्ती से विरोध करते हैं। चीन संबंधित घटना की व्यापक, निष्पक्ष और उचित जांच कराने का हिमायती है जिसके नतीजे इतिहास की कसौटी पर और तथ्यों के परीक्षणों में खरे उतरें और जिम्मेदार पक्षों को कानून के तहत इंसाफ के दायरे में लाए।’
गेंग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और रासायनिक हथियार रोकथाम संगठन को समस्या से निपटने के लिए अपनी मुख्य भूमिका निभाना जारी रखें। चीन सुरक्षा परिषद के स्थाई 5 सदस्यों में से एक है। सीरिया की सरकारी मीडिया ने रिपोर्ट दी है कि सोमवार को भोर से पहले मध्य सीरिया में स्थित टी-4 शिविर पर कई मिसाइलें आकर गिरीं। वॉशिंगटन और पेरिस ने इसमें संलिप्तता से इनकार किया है जबकि दमिश्क और मॉस्को ने इसके लिए इस्राइल को जिम्मेदार ठहराया है।
वहीं, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि रूसी विशेषज्ञों को सीरियाई विद्रोहियों के कब्जे वाले शहर दौमा से रासायनिक हमले के कोई निशान नहीं मिले हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस संबंध में आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा, ‘हमारे सैन्य विशेषज्ञों ने इस स्थान का दौरा किया है और उन्हें असैनिकों के खिलाफ क्लोरीन या किसी अन्य रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल किए जाने का निशान नहीं मिला है।’ उन्होंने यह भी कहा कि सीरियाई हवाई ठिकाने पर हमला ‘बेहद गंभीर घटनाक्रम’ है। इस हमले के लिए दमिश्क और मॉस्को ने इस्राइल को जिम्मेदार ठहराया है।
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