बीजिंग: अमेरिका और चीन के बीच के रिश्ते बाइडेन प्रशासन में भी सुधरने की बजाय बिगड़ते हुए दिख रहे हैं। चीन ने शुक्रवार को कहा कि अलास्का में अमेरिका के शीर्ष राजनयिकों के साथ हुई बातचीत से साजिश की बू आ रही है। बाइडन प्रशासन के तहत दोनों देशों के राजनयिकों के बीच आमने-सामने बैठ कर हुई यह पहली बातचीत है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में कहा कि अलास्का बैठक में अमेरिकी अधिकारियों ने चीन की विदेश एवं घरेलू नीतियों पर बेबुनियाद हमले कर चीनी अधिकारियों को गंभीर जवाब देने के लिए उकसाया।
चीनी प्रतिनिधिमंडल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख यांग जियेची ने गुरुवार को अपनी बैठक में एक दूसरे के देश की नीतियों पर निशाना साधा। झाओ ने अमेरिकी पक्ष पर शुरूआती टिप्पणियों के लिए तय समय सीमा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, जिसके चलते चीनी प्रतिनिधिमंडल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। बैठक शुक्रवार को भी जारी रहने वाली है। व्यापार, प्रौद्योगिकी, मानवधिकारों के मुद्दे और ताईवान, दक्षिण चीन सागर एवं पूर्वी चीन सागर के द्वीपों पर चीन के दावे को लेकर विवादों के बीच यह बैठक हो रही है।
‘अमेरिका की बात से साजिश की बू आ रही है’
चीन ने कोरोना वायरस महामारी के उत्पत्ति स्थल के बारे में व्यापक पारदर्शिता की अमेरिका की मांग को लेकर भी कड़ी आपत्ति जताई है। झाओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘यह अमेरिकी पक्ष है, जिसने शुरूआत में विवाद पैदा किया, इसलिए दोनों पक्षों को साजिश की बू आ रही है। शुरुआती टिप्पणियों के समय से ही नाटकीय घटनाक्रम हुए। यह चीनी पक्ष का मूल इरादा नहीं था।’ बता दें कि बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को चीन के शीर्ष राजयनिकों से साफ तौर पर कहा था कि उसके कदम नियमों पर आधारित उस व्यवस्था के लिए खतरा हैं जो वैश्विक स्थिरता बनाए रखती है।
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