चीन का अमेरिका पर बड़ा आरोप, कहा- अपनी समस्या के लिए बनाया WHO को बलि का बकरा
भारत में चीन के दूतावास के प्रवक्ता Ji Rong ने अमेरिका पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि WHO की फंडिंग रोककर अमेरिका ने उसे अपनी समस्या के लिए बलि का बकरा बनाया है।
नई दिल्ली. भारत में चीन के दूतावास के प्रवक्ता Ji Rong ने अमेरिका पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि WHO की फंडिंग रोककर अमेरिका ने उसे अपनी समस्या के लिए बलि का बकरा बनाया है। इसके बजाय कुछ ने WHO पर चीन के पक्ष में "तुष्टिकरण" करने का आरोप लगाया। चीन की जानकारी, दर्दनाक प्रयाग और WHO की पेशेवर सलाह के बगैर स्थिति और ज्यादा खराब हो जाएगी। ये वक्त एकजुटता दिखाने का है, न की दोष लगाने का।
चीन ने कोविड-19 संबंधी तथ्य छिपाने की बात से इनकार किया
चीन ने कोविड-19 महामारी से जुड़े तथ्यों को छिपाने की बात से शुक्रवार को इनकार किया और आरोप लगाया कि अमेरिका यह कहकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है कि कोरोना वायरस वुहान स्थित एक विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से उत्पन्न हुआ। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब चीन ने कोरोना वायरस के केंद्र वुहान में महामारी से मरनेवालों की संख्या में संशोधन के बाद देश में मृतक संख्या 4,632 बताई है। लिजियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि संक्रामक रोग के विवरण की समीक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत एक परंपरा है।’’
आंकड़ों में संशोधन इन आरोपों के बीच आया है कि चीन ने कोरोना वायरस के मामलों और इससे मरनेवालों की संख्या कम बताई है। उन्होंने कहा कि महामारी फैलने के शुरुआती चरण में कुछ रिपोर्ट देरी से मिलीं, कुछ में भूल हुई और कुछ गलत सूचना मिली। प्रवक्ता ने कहा कि यह अस्पतालों में रोगियों को भर्ती करने और उनका उपचार करने में अपर्याप्त क्षमता, बीमारी नियंत्रण और समय पर नियंत्रण सूचना प्रणाली से जुड़ने में कुछ चिकित्सा संस्थानों की विफलता और रोगियों के उपचार में चिकित्साकर्मियों के पहले से व्यस्त होने जैसे कारकों से समझा जा सकता है।
लिजियान ने कहा, ‘‘लेकिन कभी भी कोई बात छिपाई नहीं गई और न ही हम किसी बात को कभी छिपाने की अनुमति देंगे।’’ अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के बयान के जवाब में लिजियान ने कहा कि कुछ दिन पहले अमेरिका में कुछ लोगों ने चीन पर महामारी की स्थिति के बारे में समय पर उनके देश को सूचना देने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘वही लोग अब वायरस के स्रोत के मुद्दे पर बखेड़ा खड़ा कर रहे हैं, और कह रहे हैं कि वायरस वुहान विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से उत्पन्न हुआ।’’
लिजियान ने कहा, ‘‘कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति एक बार में समझ जाएगा कि उद्देश्य भ्रम पैदा करने, जनता का ध्यान भटकाने और अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने का है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं दोहराना चाहूंगा जो हम बार-बार कह चुके हैं कि विषाणु के स्रोत का पता लगाना पूरी तरह वैज्ञानिक मुद्दा है। हमें विज्ञान को सुनने और वैज्ञानिक तथा पेशेवर मत का सम्मान करने की आवश्यकता है।’’
अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा था कि अमेरिका इस बात की जांच करेगा कि क्या कोरोना वायरस वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान से उत्पन्न हुआ। लिजियान ने गुरुवार को कहा था कि विषाणु का स्रोत विज्ञान का मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बार-बार कहा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि विषाणु को प्रयोगशाला में बनाया गया। कई जाने-माने चिकित्सा विशेषज्ञ भी विषाणु के प्रयोगशाला से लीक होने की बात को खारिज कर चुके हैं।’’ (भाषा)