CPEC के साथ आतंकवाद को रोकने पर चीन और पाकिस्तान में हुआ यह समझौता
चीन और पाकिस्तान दोनों देशों के अशांत इलाकों को जोड़ने वाले 50 अरब डॉलर के आर्थिक गलियारे के साथ आतंकवाद रोधी और सुरक्षा सहयोग मजबूत करने पर सहमत हो गए हैं...
बीजिंग: चीन और पाकिस्तान रेल और सड़क परियोजनाओं के जरिए दोनों देशों के अशांत इलाकों को जोड़ने वाले 50 अरब डॉलर के आर्थिक गलियारे के साथ आतंकवाद रोधी और सुरक्षा सहयोग मजबूत करने पर सहमत हो गए हैं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) उत्तर-पश्चिम चीन में शिनजियांग प्रांत को दक्षिण पश्चिम पाकिस्तान में अरब सागर में ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है। इसे दोनों क्षेत्रों के इस्लामिक आतंकवादियों से खतरा है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बेल्ट एंड रोड (B&R) पहल का हिस्सा CPEC पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है और भारत ने इस परियोजना पर आपत्ति जताई है।
कम्युनिस्ट पार्टी की सेन्ट्रल कमेटी के राजनीतिक एवं कानूनी मामलों के आयोग के प्रमुख मेंग जियांझू ने यहां की यात्रा पर आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासीर खान जांजुआ से मुलाकात की और इस दौरान सुरक्षा सहयोग समझौता किया गया। खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान ने CPEC से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों की रक्षा के लिए 15,000 सैनिकों को तैनात किया है। कहा जा रहा है कि पिछले साल कम से कम 71,000 चीनी नागरिक पाकिस्तान गए थे। मेंग ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के प्रयासों की तारीफ की और उन्होंने महत्वाकांक्षी आर्थिक गलियारे के निर्माण में आतंकवाद विरोधी और सुरक्षा सहयोग मजबूत करने का आवाह्न किया।
मेंग ने कहा, ‘अच्छे दोस्त, मैत्रीपूर्ण पड़ोसी और सदाबहार रणनीतिक साझेदार के तौर पर चीन और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के अहम हितों का हमेशा मजबूती से समर्थन किया है।’ चीन के स्टेट काउंसलर यांग जिची ने आसिफ से मुलाकात की। यांग ने कहा, ‘चीन और पाकिस्तान के बीच सदाबहार रणनीतिक सहयोग साझेदारी को बढ़ावा देने की नीति अपरिवर्तनीय है।’ आसिफ ने कहा कि चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाए रखना पाकिस्तान की विदेश नीति की आधारशिला है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को आसिफ से मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी रिकॉर्ड की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान, चीन का अच्छा भाई और पक्का दोस्त है। कोई भी चीन को पाकिस्तान से बेहतर नहीं जानता और समझता।’