बीजिंग: चीन ने अपने नागरिकों को जलवायु परिवर्तन के खतरों से आगाह करने के लिए विज्ञापन जारी किए हैं जिनमें मुंबई और इलाहाबाद समेत कई शहरों के बिगड़ते पर्यावरण का उदाहरण दिया है। चीन खुद विश्व का सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है। वह अपनी जनता को निम्न कार्बन विकास के ईद-गिर्द ही अपने भविष्य की योजना बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता है।
ये विज्ञापन वांगफुजिंग सिटी और इस पुराने इलाके के मध्य क्षेत्र में लगाए गए हैं। इनमें मुंबई, इलाहाबाद और अन्य शहरों के चित्रों को प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें प्लास्टिक के कूड़े और रेतीले तूफान के मुद्दे दर्शाए गए हैं।
इनमें कार्बन कटौती करने और अपनी अर्थव्यवस्था पर उसके दुष्प्रभावों को न्यूनतम करने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया गया है। साथ ही पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से निबटने के तरीके सुझाए हैं। एक विज्ञापन में कहा गया है, मुंबई में समुद्र तट प्लास्टिक के कूड़े से ढके हैं। किशोरों के पास कूड़े के इन ढेरों पर क्रिकेट खेलने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। इस विज्ञापन में एक बच्चा तट पर कूड़े के ढेर पर खेलता दिखाया गया है।
दूसरा विज्ञापन इलाहाबाद के संदर्भ में है। इसमें कहा गया है, भारत के इलाहाबाद शहर में रेतीला तूफान आया और पदयात्री इस बालू के चलते एक दूसरे को देख नहीं पा रहे थे। इस विज्ञापन में एक तस्वीर है जिसमें चार लोग रेतीले तूफान का सामना करते हुए गंगा बचाओ अभियान के लिखे हुए नारे की तरफ जा रहे हैं। गौरतलब है कि चीन में प्रदूषण का बड़ा खतरा है। उसकी राजधानी बीजिंग को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल किया जा चुका है।
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