बीजिंग: दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका और एशियाई ड्रैगन चीन के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका के तथाकथित 'हांगकांग मानव अधिकार और लोकतंत्र अधिनियम' से चीन के अंदरूनी मामलों में गंभीरता से हस्तक्षेप किया गया है। चीन ने कहा कि अमेरिका का यह कदम अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मापदंड का उल्लंघन है। बयान में आगे चीन ने कहा कि हमारी सरकार और देश की जनता इसका दृढ़ता से विरोध करती है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ने तथ्यों को जानबूझकर अनदेखा कर हांगकांग की सड़कों पर तहस-नहस करने वाले दंगाईयों का समर्थन किया। बयान में कहा गया कि इसका उद्देश्य हांगकांग की समृद्धि को बरबाद करना और चीन के ऐतिहासिक एकीकरण पर ब्रेक लगाना है। वक्तव्य में यह भी कहा गया है कि हांगकांग चीन का अभिन्न अंग है और किसी भी विदेशी सरकार और शक्ति को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। बयान के मुताबिक, चीन सरकार हांगकांग में 'एक देश, दो प्रणाली' का कार्यान्वयन करना जारी रखेगी।
बयान में आगे कहा गया है कि चीन की सरकार अपनी राष्ट्रीय प्रभुसत्ता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करेगी। अगर अमेरिका अपने गलत रुख पर अड़ा रहेगा, तो चीन को मजबूरन जवाबी कदम उठाना पड़ेगा और परिणामों का जिम्मेदार अमेरिका ही होगा। गौरतलब है कि 27 नवंबर को चीन के विरोध के बावजूद अमेरिका ने 'हांगकांग मानव अधिकार और लोकतंत्र अधिनियम' बनाने पर हस्ताक्षर किया। इसके बाद हांगकांग स्थानीय प्रशासन और चीन ने इसका जबरदस्त विरोध किया और नाराजगी जताई।
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