इस्लामाबाद: विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने कुल 91.8 करोड़ डॉलर ऋण के लिए विश्व बैंक के साथ मंगलवार को तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के वित्तीय सलाहकार अब्दुल हफीज शेख ने कहा कि देश भुगतान संतुलन संकट से उबरने की कोशिश कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था नाजुक दौर में है।
डॉन अखबार की खबर के अनुसार विश्वबैंक से मिलने वाले इस ऋण का उपयोग मुख्य तौर पर तीन परियोजनाओं में किया जाएगा। इसमें 40 करोड़ डॉलर पाकिस्तान में राजस्व वृद्धि कार्यक्रम और 40 करोड़ डालर उच्च शिक्षा विकास पर व्यय किए जाएंगे। इसके अलावा 11.8 करोड़ डॉलर की राशि खैबर पख्तूनखवा राजस्व संग्रहण एवं संसाधन प्रबंधन कार्यक्रम पर व्यय होंगे।
इन समझौतों पर हस्ताक्षर विश्वबैंक के कंट्री निदेशक पैचमुथु इलंगोवन और पाकिस्तान के आर्थिक मामलों की सचिव नूर महमूद ने हस्ताक्षर किए। अहमद उच्च शिक्षा आयोग और खैबर पख्तूनख्वा सरकार के प्रतिनिधि भी हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार शेख भी मौजूद रहे।
राजस्व कार्यक्रम के तहत 40 करोड़ डॉलर का व्यय घरेलू राजस्व बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इसके लिए कर संग्रह का दायरा और कर अनुपालन बढ़ाया जाएगा। इसका मकसद पाकिस्तान के कर संग्रह को बढ़ाकर जीडीपी के अनुपात में 17 प्रतिशत पर लाना है। इसके लिए सक्रिय करदाताओं की संख्या बढ़ाकर 35 लाख तक पहुंचानी होगी। साथ ही कर अनुपालन बोझ को कम करना शामिल है।
वहीं 40 करोड़ डॉलर का व्यय उच्च शिक्षा विकास पर किया जाएगा। इसका मकसद अर्थव्यवस्था के रणनीतिक क्षेत्रों में शोध उत्कृष्टता की मदद करना, बेहतर प्रशिक्षण एवं शिक्षण और शिक्षा प्रशासन में सुधार करना है। तीसरा हिस्सा 11.80 करोड़ डालर का है जिससे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में राजस्व संग्रहण एवं संसाधन प्रबंधन कार्यक्रम के तहत राजस्व संग्रह बढ़ाने में मदद करना है।
भुगतान संतुलन के संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान ने विश्वबैंक के अलावा एशियाई विकास बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे वैश्विक संगठनों से मदद मांगी है। पिछले महीने मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को तीन साल के लिए छह अरब डॉलर का राहत पैकेज देने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इसी बीच एशियाई विकास बैंक ने भी पाकिस्तान के साथ ऋण के विषय पर बैठकें शुरू कर दी हैं।
एशियाई विकास बैंक के पाकिस्तान निदेशक चियाओहोंग यांग ने कहा कि बैंक की ओर से वित्तीय सहायता दिए जाने के आकार और योजना पर बातचीत जारी है। एक बार यह पूरा हो जाए तो इसे बैंक के प्रबंधन और निदेशक मंडल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा।
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