नोम पेन्ह: मानवाधिकार संगठन 'ह्यूमन राइट्स वॉच' की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन पूर्ण सैन्य तानाशाह बन गए हैं। द गार्डियन के मुताबिक, 'कंबोडियाज डर्टी डजन' नाम की इस रिपोर्ट में हुन सेन के उन 12 सैन्यकर्मियों के नाम का खुलासा किया गया है, जो हुन सेन के अपमानजनक और तानाशाही शासन की रीढ़ की हड्डी रहे हैं। इन 12 लोगों के समूह में से कई ने खमेर रॉज सेना में भी सेवाएं दी हैं, जिसकी वजह से कंबोडिया के अनुमानित 12 लाख से 28 लाख लोग भुखमरी और बीमारियों की चपेट में आकर मर गए। (शी जिनपिंग ने कहा, प्रशांत महासागर में चीन एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेगा )
रिपोर्ट के मुताबिक, हुन सेन अपने आदेशों को लागू करवाने के लिए निर्दयी सुरक्षाबलों की फौज का गठन कर सत्ता में बने रहे। हुन सेन अपने तानाशाही रवैये को लेकर हमेशा बदनामी झेलते रहे। वह अपने आदेशों का पालन नहीं करने वालों पर बलप्रयोग करते थे। हुन सेन विपक्षी पार्टी सीएनआरपी को भंग कर दिया था। कंबोडिया के दैनिक समाचार पत्र, रेडियो फ्री एशिया और दर्जनभर स्थानीय रेडियो स्टेशन भी बंद कर दिए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पत्रकार, विपक्षी नेता और गैर सरकारी संस्थाओं के सदस्यों में जेल में डाला गया है और देश में भय का माहौल बना हुआ है। ह्यूमन राइट्स एशिया के उपनिदेशक फिल रॉबर्टन ने कहा, "हुन सेन पूर्ण सैन्य तानाशाह बन गए हैं। जुलाई में होने वाले चुनाव निष्पक्ष नहीं होंगे।"
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