तेहरान। तेल टैंकरों पर हमले को लेकर ईरान और पश्चिमी देश एक बार फिर आमने सामने हैं। ब्रिटेन ने ईरानी गनबोटों (नौसैन्य पोतों) द्वारा ब्रिटिश सुपरटैंकर को निशाना बनाए जाने के बाद बढ़े तनाव के बीच शुक्रवार को कहा कि वह खाड़ी में दूसरा युद्धपोत भेज रहा है और क्षेत्र में चौकसी का स्तर बढ़ा रहा है।
इस फैसले का खुलासा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से इस्लामी गणराज्य के परमाणु कार्यक्रम और पश्चिम एशिया में आतंकवादी समूहों के लिए उसके कथित समर्थन को लेकर उसके खिलाफ वाकयुद्ध तेज करने के बाद हुआ है।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार ईरान को अपनी हद में रहने की धमकी दी है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस के बाहर संवाददाताओं से कहा, “बेहतर होगा ईरान सतर्क रहे। वे बेहद खतरनाक सीमा की तरफ बढ़ रहे हैं। ईरान, अगर सुन रहे हो तो बेहतर होगा कि तुम सावधान रहो।”
ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि नौसैन्य तैनाती पूर्वनियोजित कार्यक्रम का हिस्सा है और विश्व के अत्यंत महत्त्वपूर्ण लेकिन अस्थिर तेल नौवहन मार्गों में से एक में ब्रिटिश नौसेना की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए है। लेकिन एक सूत्र ने कहा कि इस बदलाव पर कई दिनों पहले विचार किया गया था और ब्रिटेन के दो सबसे उन्नत युद्धपोत ईरान के जलक्षेत्र में कई हफ्तों तक मौजूद रहेंगे।
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