नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश के सीमा रक्षा बलों के महानिदेशकों की बैठक अगले सप्ताह ढाका में होगी जिसमें सीमा-पार अपराधों से जुड़े मुद्दों सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी। यह मोदी सरकार के फिर से सत्ता में आने के बाद पहली छमाही वार्ता होगी। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
दोनों पक्षों के बीच 1975 से ले कर अब तक का 48वीं महानिदेशक स्तरीय सम्मेलन होगा। इसका आयोजन बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 11 जून से 15 जून के बीच होगा। बीएसएफ प्रमुख आर. के. मिश्र पड़ोसी देश के लिए 11 जून से शुरू होने वाली पांच दिवसीय यात्रा के लिए 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी होंगे जो कि बीएसएफ का नियंत्रण प्राधिकार है। इसके साथ ही इसमें मादक पदार्थ निरोधक एजेंसियों के अधिकारी और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग से एक राजनयिक भी शामिल होंगे। अधिकारियों ने बताया कि वार्ता बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ ढाका के पीलखाना स्थित उसके मुख्यालय में होगी।
अधिकारियों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि दोनों पक्षों के बीच 11 जून से 15 जून के बीच होने वाली पारंपरिक छमाही बैठक में भारत बीएसएफ कर्मियों पर सीमांत क्षेत्रों में बांग्लादेशी अपराधियों द्वारा हमला और सीमापार से होने वाली तस्करी से जुड़े मुद्दे उठाएगा।
बीजीबी महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्मद शफीनुल इस्लाम के नेतृत्व वाली बीजीबी के 19 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को जाली भारतीय नोटों, मादक पदार्थों, मवेशियों की तस्करी और अन्य अपराधों की अक्सर होने वाली घटनाओं के बारे में अवगत कराया जाएगा। पिछली बार दोनों बलों के बीच डीजी स्तरीय बैठक दिल्ली में गत सितम्बर में हुई थी।
उन्होंने बताया कि सीमा आधारभूत ढांचा, सीमा पर जोखिम वाले क्षेत्रों में एकसाथ समन्वित गश्त और परस्पर सूचना साझा करना चर्चाओं का हिस्सा होगा। अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच संबंध अच्छे हैं और उम्मीद है कि इस संबंध में एक नया आयाम जुड़े़गा जिससे दोनों देश 4096 किलोमीटर लंबी सीमा की प्रभावी रक्षा कर सकें।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच भारत-बांग्लादेश सीमा पर रोहिंग्याओं के बारे में अद्यतन जानकारी साझा किये जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही बीजीबी भारत से बांग्लादेश में विभिन्न तरह के मादक पदार्थों की तस्करी और बीएसएफ द्वारा बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किये जाने का मुद्दा उठा सकता है।उन्होंने कहा कि वार्ता के अंत में दोनों बलों द्वारा चर्चा के एक संयुक्त रिकार्ड पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। दोनों पक्ष इन वार्ताओं के लिए सीमा के एक ओर से दूसरी ओर की यात्रा करते हैं और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद होने वाली ऐसी पहली वार्ता होगी।
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