जेरुसलम: इस्राइल की एक युवती पर हुए घातक फिलिस्तीनी हमले के बाद क्षेत्र की राजनीति गरमा गई है। इस मामले पर विवाद यहां तक बढ़ा है कि इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने देश द्वारा फिलिस्तीन को दी जाने वाली रकम रोकने की कसम खाई है। गौरतलब है कि इस्राइल अपने बंदरगाहों से होकर फिलिस्तीनी बाजारों के लिए जाने वाले माल पर लगाए गए सीमा शुल्क से एक महीने में लगभग 12.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर एकत्र करता है और बाद में यह राशि फिलिस्तीन को भेजता है।
इस्राइल की संसद नेसेट ने इस्राइल के खिलाफ किए गए हमलों के लिए इस्राइल की जेल में बंद फिलिस्तीनियों के परिवारों को पीए भुगतान के जवाब में आंशिक रूप से निधियों को रोकने के लिए पिछले साल कानून पारित किया था। अप्रैल में होने वाले आम चुनाव के प्रचार में व्यस्त नेतन्याहू ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक की शुरुआत में रविवार को पत्रकारों से कहा, ‘इस सप्ताह के अंत तक, आतंकवादियों के वेतन में कटौती पर बने कानून को लागू करने के लिए आवश्यक काम पूरा हो जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘अगले रविवार को मैं सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाऊंगा और हम निधियों को काटने के लिए आवश्यक निर्णय को मंजूरी देंगे। इस पर कोई संदेह नहीं है कि अगले सप्ताह की शुरुआत में निधियों में कटौती कर दी जाएगी।’ गौरतलब है कि 19 वर्षीय ओरी अंसबैकर की हत्या के सिलसिले में इस सप्ताहांत में एक फिलिस्तीनी को गिरफ्तार किए जाने के बाद नेतन्याहू पर इस कानून को लागू करने का दबाव बढ़ गया है। दक्षिण पूर्व जेरुसलम में गुरुवार देर रात अंसबैकर का शव मिला था। इस्राइली सुरक्षा बलों ने वेस्ट बैंक के रामल्लाह शहर में छापे मारकर हत्या के संदिग्ध को गिरफ्तार किया था।
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