बैंकाक: बीजिंग ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में एक नियम संहिता के लिये दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ काम करने को तैयार है। दरअसल, इस क्षेत्र में चीन पर सैन्य प्रतिष्ठान बनाने और अन्य दावेदारों पर धौंस जमाने का आरोप है।
चीन प्राकृतिक संसाधन बहुल इस वैश्विक जलमार्ग के एक बड़े हिस्से पर अपना दावा करता है जो क्षेत्र में तनाव का एक कारण है। इस संहिता को 2021 में अंतिम रूप दिया जाना है।
चीन के प्रधानमंत्री ली छियांग ने रविवार को कहा, ‘‘चीन दक्षिण चीन सागर में दीर्घकालीन शांति एवं स्थिरता कायम रखना चाहता है।’’ इस समुद्री क्षेत्र पर दावे को लेकर चीन से प्रतिद्वंद्विता करने वाले फिलीपीन ने कहा है कि बीजिंग संहिता के प्रति प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र पर ताईवान, मलेशिया और ब्रूनेई भी दावा करता है।
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