ढाका: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नवनिर्वाचित सांसद शपथ नहीं लेंगे क्योंकि पार्टी ने चुनाव परिणामों को खारिज किया है। यह घोषणा बीएनपी ने मंगलवार को की जिसकी प्रमुख खालिदा जिया जेल में बंद हैं। बीएनपी की ओर से यह घोषणा सरकार के इस ऐलान के कुछ घंटे बाद आयी कि नवनिर्वाचित सांसद तीन जनवरी को शपथ लेंगे। बीएनपी ने चुनाव परिणामों को ‘‘ढोंग’’ बताते हुए खारिज कर दिया था और फिर से चुनाव कराने की मांग की थी। बीएनपी को 300 सदस्यीय संसद में पांच सीटें मिली हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ताधारी गठबंधन ने 11वें आम चुनावों में प्रचंड जीत दर्ज करके लगातार तीसरा कार्यकाल सुनिश्चित कर लिया है।
बीएनपी और कुछ छोटे दलों वाले विपक्षी गठबंधन ने चुनाव आयोग की आलोचना की और उसके प्रमुख पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया। चुनाव आयोग ने यद्यपि फिर से चुनाव कराने की मांग खारिज कर दी। ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, सूचना मंत्री हसनुल हक इनू ने कहा कि नवनिर्वाचित सांसद तीन जनवरी (बृहस्पतिवार) को शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि राजपत्र अधिसूचना बुधवार को जारी की जाएगी। डेली स्टार की खबर के अनुसार, बीएनपी ने चुनाव में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के निर्वाचित सांसद शपथ नहीं लेंगे क्योंकि उन्होंने परिणामों को पहले ही खारिज कर दिया है। उसने कहा कि पार्टी ने यह निर्णय सैद्धांतिक रूप से अध्यक्ष के गुलशन कार्यालय में आयोजित पार्टी की स्थायी समिति की एक बैठक में लिया। बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा, ‘‘हमने चुनाव परिणामों को खारिज कर दिया है। हम अपना विधिक संघर्ष और अन्य कदम उठाना जारी रखेंगे।’’
बीएनपी की सहयोगी गोनोफोरम ने दो सीटें जीती हैं। गोनोफोरम प्रमुख कमाल हुसैन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में अवामी लीग और उसके वफादार चुनाव आयोग ने दुनिया को दिखाया है कि एक स्वतंत्र एवं संप्रभु देश की चुनावी प्रणाली को कैसे नष्ट किया जाता है।’’ फखरुल ने मुख्य चुनाव आयुक्त के एम नुरुल हुदा पर सबसे पक्षपाती व्यक्ति होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मतदान में धांधली के सभी सबूत एकत्रित कर रही है और फिर ‘‘हम अपने गठबंधन सहयोगियों से बात करने के बाद आगे बढ़ेंगे।’’
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